विजयनगर पुलिस खुद बढ़ावा दे रही
आपराधिक हरकतों को
जबलपुर (जय लोक)। कल विजयनगर क्षेत्र में स्कूल के बच्चों के विवाद के बाद जो घटना घटित हुई उसने कई सवाल उठा दिए हैं। पहला तो यह कि क्या पुलिस ऐसी आपराधिक वारदात करने वालों को बढ़ाया दे रही है। दूसरा जबरदस्ती किसी बच्चे को स्कूल के गेट से गाडिय़ों में भरकर ले जाने का हक और अपराध करने की छूट किसी भी सिक्योरिटी कंपनी के बाउंसरों को नहीं है। यह अपराध है और जब अपराध हुआ है तो पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर ऐसे लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं की। इस घटना को कई लोगों ने देखा है। मौके पर मौजूद एक वरिष्ठ पत्रकार के सामने यह घटना घटित हुई है। ऐसे में अगर पुलिस ने थाने में दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवाने के लिए ज्यादा रूचि दिखाई है तो यह भी कई बातों को जन्म देता है। यानी की आप पहले अपहरण जैसा अपराध कर लें, फिर पुलिस थाने में जाकर अपना बाहुबल का प्रदर्शन कर समझौता कर ले और पुलिस की छवि रक्षक के बजाये बिचौलिये की बना दें। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब अपराध हुआ है तो फिर पुलिस ने कार्यवाही क्यों नहीं की। पुलिस ने अपनी छवि को लेकर समाज में क्या सन्देश देने की कोशिश की?
स्कूल की चुप्पी बच्चों को खतरा
इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह भी उठना है कि आखिर नचिकेता स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दी।
यह पूरा मामला स्कूल के गेट पर हुआ स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड चुपचाप तमाशा देखते रहे। आखिर क्या स्कूल के गेट से बच्चों का अपहरण कर ले जाना इतना आसान है कि ना तो स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ कहा, ना आवाज उठाई। क्या स्कूल प्रबंधन और स्टाफ की ऐसी लापरवाही स्कूल आने वाले बच्चों की सुरक्षा में बड़ी चूक नहीं है ऐसे में तो किसी भी बच्चे का इस स्कूल के गेट से आसानी से अपहरण हो जाएगा।
स्कूल प्रबंधन ने आखिर क्यों गुंडागर्दी और बच्चों में दहशत फैलाने वाली सिक्योरिटी एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पुलिस में शिकायत नहीं की।
यह है मामला
विजय नगर के समीप स्थित नचिकेता स्कूल गेट पर एकाएक 2 पक्षों में जमकर विवाद हो गया। करीब आधा घंटा तक मौके पर कुछ युवक एक दूसरे से हाथापाई करते रहे। इस बीच दो लडक़ों को लग्जरी कार में आए ड्रैगन सिक्योरिटी एजेंसी के बाउंसर जो दो गाडिय़ों में आये थे जिसमें एक काले रंग की और एक सफेद रंग की थी। उनकी काली ड्रेस में ड्रैगन बना हुआ था। ये बाउंसर उन दोनों बच्चों को उठाकर ले गए। जिससे बच्चों के अपहरण की खबर फैल गई और शहर में सनसनी फैल गई। हल्ला मचा तो यह लोग बच्चों को लेकर थाने पहुंंचें। दूसरा पक्ष भी थाने पहुंच गया था।
घटना के संबंध में सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले स्कूल में पढऩे वालें बच्चों के बीच किसी बात को लेकर विवाद और मारपीट हुई थी। एक बच्चे ने घटना अपने भाई को बताई, जिसके बाद शनिवार को दोपहर में बच्चे का भाई लग्जरी कार में बाउंसर को लेकर स्कूल पहुंचा। दोपहर 12.30 बजे स्कूल की छुट्टी हुई तो गेट के बाहर बदमाशों ने स्कूली छात्र की जमकर पिटाई की। स्कूल के गेट में तैनात सुरक्षा कर्मी मूकदर्शक बने रहे और उन्होंने रोकने का प्रयास नहीं किया। इसके बाद बदमाश दो लडक़ों को उठाकर कार में ले गए और अपहरण का हल्ला मच गया। जिसके बाद बाउंसर विजयनगर थाने पहुंचे, थोड़ी देर बाद दूसरा पक्ष भी थाने में पहुंच गया, जहां थोड़ी देर तक हंगामा चलता रहा। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत ले ली। जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। थाना प्रभारी का कहना है कि, दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत नहीं दी है। ऐसी स्थिति में पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जबकि सवाल यह उठ रहा है कि जब सैकड़ों लोगों के सामने अपहरण जैसा अपराध घटित हुआ है तो फिर स्कूल प्रबंधन ने और पुलिस प्रशासन ने स्वत: संज्ञान लेने के बजाए चुप्पी क्यों साध रखी है।