पीडि़त को राहत देना पुलिस की पहली प्राथमिकता, अनदेखी पर होगी सख्त कार्यवाही : आईपीएस आनंद कलादगी
जबलपुर (जयलोक)। कल पुलिस महकमें में आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंद कलादगी ने सख्त कार्रवाई करते हुए लापरवाह थाना प्रभारी के समक्ष एक नजीर पेश कर दी है। संदेश स्पष्ट है कि अपराध से पीडि़त कोई भी व्यक्ति अगर किसी भी थाने में पहुंच रहा है तो उसे भटकाने के बजाय तत्काल उसकी सुनवाई भी की जाए यही पुलिस की प्राथमिकता है और इसका पालन होना चाहिए।
दरअसल भेड़ाघाट थाना अंतर्गत बहदन गांव के रहने वाले एक युवक के साथ घर लौटते समय कुछ लोगों ने रास्ता रोककर मारपीट की और उसकी मोटरसाइकिल लूट ली। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। पीडि़त व्यक्ति जब मामले की जानकारी देने के लिए भेड़ाघाट थाने पहुंचा, तो वहां पदस्थ थाना प्रभारी पुरवा चौरसिया ने सीमा विवाद को बढ़ावा देते हुए अपराध से पीडि़त व्यक्ति को राहत देने के बजाय उसे पुलिस के वाहन में संजीवनी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने भेज दिया। संजीवनी नगर थाना प्रभारी अंजलि उदैनिया ने भी पीडित को राहत देने के बजाय टरकाने के हिसाब से भेड़ाघाट थाने जाने की सलाह दे दी। पीडि़त व्यक्ति लगातार हाथ पांव मारता रहा और 20 घंटे बाद उसके साथ घटित हुई लूट के अपराध की शिकायत फिर संजीवनी नगर थाने में दर्ज हो पाई।
थाना प्रभारी की इस गंभीर अनियमित और ड्यूटी के प्रति लापरवाहियों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस अधिकारी आनंद कलादगी ने गंभीरता से लिया और संजीवनी नगर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है वहीं भेड़ाघाट थाना प्रभारी को नोटिस जारी किया गया।
जय लोक से चर्चा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंद कलादगी ने कहा कि किसी भी अपराध से पीडि़त व्यक्ति को पहले राहत मिले और अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही हो यह पुलिस की पहली प्राथमिकता है। नए कानून बीएनएस भारतीय न्याय संहिता में इस बात का प्रावधान का भी उल्लेख है कि अपराध घटित होने पर देश के किसी भी थाने में पीडि़त व्यक्ति की रिपोर्ट जीरो पर दर्ज हो सकती है। बाद में उसे संबंधित थाने को जांच के लिए अग्रेषित किया जा सकता है। तत्काल एफआईआर दर्ज हो जाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अपराध करने वाले आरोपियों के बारे में पुलिस को तत्काल सूचना मिल जाती है और वह तुरंत सक्रिय होकर फरार अपराधियों को पकडऩे में पूरे पुलिस तंत्र की सहायता ले सकते हैं। दर्ज मामले की अग्रिम जांच संबंधित थाना के द्वारा ही की जाएगी।
श्री कलादगी ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि किसी भी अपराध पीडि़त व्यक्ति को थाने आने पर उसकी रिपोर्ट दर्ज करने पर टालने, इंतजार कराने और थाना प्रभारी और स्टाफ के द्वारा लापरवाही करने पर ऐसे कृत्य बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा। ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।