
एसडीम नोटिस जारी कर मांगेंगे जवाब
जबलपुर (जयलोक)। शहर में कुकरमुत्तों की तरह फैल चुकी अवैध कॉलोनी, अवैध प्लाटिंग, अवैध डुप्लेक्स निर्माण, अवैध फार्म हाउस के जाल में अभी तक हजारों लोग भ्रामक जानकारी में फंसकर अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवा चुके हैं। वैसे अवैध कार्य करने वाले बिल्डरों के खिलाफ अब जिला प्रशासन तेजी से कार्यवाही कर उनके खिलाफ नकेल कसने जा रहा है। आज कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह, नाथूराम गोंड सहित सभी राजस्व अधिकारी मौजूद थे कलेक्टर ने इस संबंध में सख्त कार्यवाही के दिशा निर्देश दिए और बिंदुवार कार्यवाही करने के लिए भी कहा है।

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी एसडीएम और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की बैठक लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। सभी एसडीएम को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में चल रही प्लाटिंग और कॉलोनी निर्माण के कार्यों में संदिग्ध प्रतीत हो रहे कार्यों के संचालकों को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगे। जिसमें उनके द्वारा नियम सम्मत तरीके से ली गई अनुमतियां और सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी। कार्यवाही से पहले सभी को सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाएगा। जिनके पास सही दस्तावेज नहीं है और वह अवैध तरीके से यह कार्य कर रहे हैं उनके खिलाफ विधि विरुद्ध कार्य करने की कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे लोगों पर भी कार्यवाही की जाएगी जो भ्रामक जानकारी फैला कर लोगों को निवेश करने के लिए लालच देते हैं।
गलत तरीके से करवाए जाते हैं नामांतरण – जिला प्रशासन के संज्ञान में यह बात भी आई है कि ऐसे अवैध प्लाटिंग और कॉलोनी निर्माण का कार्य करने वाले लोग लोगों को फँसा कर जल्दबाजी में बिना पूरी जानकारी दिए गलत दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण करवा देते हैं। ना ही इन्हें मौका दिखाया जाता है और ना ही सही तरीके से खरीदी गई भूमि या भूखंड का कब्जा दिया जाता है। आगे चलकर यही बातें बड़ी समस्या में तब्दील हो जाती हैं और इसके बाद लोगों को ठगे जाने का पता चलता है। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए अब राजस्व न्यायालय में अवैध कॉलोनी के नामांतरण पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है।
जिला प्रशासन का यह कदम भविष्य में उन लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाएगा जो सस्ती जमीन और बिना दस्तावेजों की जानकारी लिए पहले निवेश कर देते हैं बाद में उनका पैसा फंस जाता है और उन्हें भूमि भी नहीं मिलती।

सभी दस्तावेज देखकर ही खरीदें भूमि : कलेक्टर- कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पहले भी शहर के नागरिकों से यह अपील की है कि वह किसी भी प्रकार के कॉलोनी परिसर में या प्लाटिंग में या फिर भूमि क्रय करने से पहले राजस्व संबंधी सभी दस्तावेजों का अवलोकन कर लें। जरूरत होने पर किसी अधिवक्ता से परामर्श लेकर भी सभी दस्तावेजों की जांच करवाई जा सकती है। भूमि के सभी कागजात खसरे पी 1, पी 2 रजिस्ट्री आदि की अच्छे से की गई जाँच पड़ताल भूमि की खरीदी करने वाले को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने में सहायक साबित होती है।
फील्ड पर जाएं अधिकारी – कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि अधिकारी फील्ड में जाएं और अवैधानिक गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही करें। गरुण दल अपने दायित्वों का निर्वहन बिना किसी भय से करें।
खाद्य सामग्री के मिलावट की होगी जाँच – बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में त्यौहारों के सीजन में खाद्य, दूध और उससे बने उत्पादों में मिलावट पर कार्यवाही करें, गड़बड़ी पाए जाने पर दुकानें सील करें। इसके अलावा उन्होंने सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट से कहा कि नए सेटअप के अंतर्गत राजस्व प्रकरणों के निराकरण प्राथमिकता से करें।
जर्जर शालाओं के संबंध में दो दिन में दे रिपोर्ट – कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बैठक में कहा कि जिले के अंतर्गत आने वाली ऐसी शालाएं जो जर्जर हैं या जिनके भवन का कोई भी हिस्सा खतरनाक स्थिति में हैं, वहां से तत्काल बच्चों का स्थानांतरण किसी अन्य शाला में किया जाए। अभी तक शिक्षा विभाग ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत नगर निगम सीमा क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम के अधीन कार्य होता रहा है। इस कार्य में अब आँगनबाड़ी, ट्राइबल विभाग आदि को भी शामिल किया गया है।
स्कूलों का मूल्यांकन कर दो दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट दी जाए। जहां पर मरम्मत कार्य से स्कूल ठीक हो सकती हैं उन्हें जल्द सुधार कार्य कराकर ठीक किया जाए। यह भी देखने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि शाला भवन के आसपास कोई ऐसा निर्माण या पेड़ तो नहीं है जिसके गिरने से शाला को नुकसान हो सकता है।
इसके साथ ही विद्युत मंडल के लोगों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह भी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में कम ऊंचाई पर झूल रहे तारों की तरफ विशेष ध्यान दें और समय पर उन्हें सुरक्षित करें ताकि किसी प्रकार की पशु हानि या जनहानि ना हो सके।
इनका कहना है
लगातार समाचार पत्रों के माध्यम से भी अवैध कॉलोनी एवं अवैध प्लाटिंग बेचने के क्रम में की जा रही गफलत बाजी की जानकारी प्रशासन के समक्ष आ रही थी। इसी क्रम में आज कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्व अधिकारियों को अवैध कॉलोनी के नामांतरण न करने के निर्देश दिए हैं साथ ही नोटिस देकर ऐसी चिन्हित हुई कॉलोनियों का निर्माण करने वालों से दस्तावेज और जवाब माँगे जा रहे हैं। उनके जवाब और दस्तावेजों की जाँच के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा स्कूल शालाओं के जर्जर भवन की जाँच के लिए भी आंगनबाड़ी ट्राईबल सहित अन्य विभागों को भी जिम्मेदारी दी गई है। जल्दी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
सुश्री मिशा सिंह, अपर कलेक्टर
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Author: Jai Lok







