
नई दिल्ली (जयलोक)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू ही हुआ है। ऐसे में अब ये जानना जरूरी है कि आखिर उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है। भारत में उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। अगर किसी वजह से राष्ट्रपति का पद खाली होता है, तो ऐसे में उपराष्ट्रपति ही इसकी जिम्मेदारी भी संभालते हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद हिस्सा लेते हैं। इस चुनाव में मनोनीत सदस्य भी हिस्सा लेते हैं। जबकि, राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा सांसद और सभी राज्यों की विधानसभा के विधायक वोटिंग करते हैं।
उपराष्ट्रपति बनने के लिए क्या होनी चाहिए योग्यताएं
उपराष्ट्रपति का चुनाव लडऩे के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है। उसकी उम्र 35 साल से ज्यादा होनी चाहिए और वो राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की सारी योग्यताओं को पूरा करता हो। उपराष्ट्रपति का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार को 15 हजार रुपये भी जमा कराने होते हैं। ये जमानत राशि की तरह होते हैं। चुनाव हार जाने पर या 1/6 वोट नहीं मिलने पर ये राशि जमा हो जाती है। शाम को संसद में राजनाथ सिंह के कार्यालय के बाहर भी काफी हलचल रही और बैठकें भी खूब हुईं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा सांसद राजनाथ के कार्यालय में घुसे और बिना कुछ बोले ही बाहर निकल गए। एक भाजपा सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनसे कोरे कागज पर दस्तखत करवाए जा रहे थे। हालांकि विपक्षी सांसद इस बात को लेकर उत्साहित थे और उन्हें विश्वास था कि महाभियोग प्रस्ताव सबसे पहले राज्यसभा में लाया जाएगा क्योंकि राज्यसभा के सभापति भारत के उपराष्ट्रपति भी होते हैं और प्रोटोकॉल के अनुसार सरकार में स्पीकर से पद में बड़े होते हैं।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद असमंजस में कांग्रेस
राज्यसभा के पिछले कुछ सत्र धनखड़ के लिए एक कठिन परीक्षा थी, क्योंकि उन्होंने सहयोग किया और दोनों पक्षों की नाराजग़ी झेली। विपक्षी सदस्यों ने धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप लगाया, उन्होंने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस मामले में उपसभापति ने फैसला सुनाया और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया। अब जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस असमंजस में दिख रही है। इंडिया ब्लॉक के सदस्यों की मंगलवार सुबह 10 बजे सदन के नेताओं की बैठक है। इस बैठक में धनखड़ के इस्तीफे के बाद पैदा हुए परिस्थितियों पर विचार किया जाएगा।
छह माह में कराने होंगे उपचुनाव
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव छह माह में कराना होता है। संविधान के अनुसार, मृत्यु, त्यागपत्र या हटाए जाने या अन्य किसी कारण से उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति भरने के लिए चुनाव यथाशीघ्र कराने का प्रावधान है।
कार्यकाल के बीच इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति
कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। वीवी गिरि ने 20 जुलाई, 1969 और आर वेंटकरमन ने 24 जुलाई, 1987 को पद से इस्तीफा दिया था। दोनों ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लडऩे के लिए यह कदम उठाया था। जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर, पीएम मोदी बोले- उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। बीते दिन ही धनखड़ ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र भेजकर पद से इस्तीफे की बात कही थी। उन्होंने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। मंगलवार को राज्यसभा को जगदीप धनखड़ के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे के संबंध में गृह मंत्रालय की अधिसूचना (दिनांक 22 जुलाई) के बारे में सूचित किया गया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर धनखड़ के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने लिखा, ‘जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
Author: Jai Lok







