
योजना तैयार, इसी माह से होगी शुरुआत
भोपाल (जयलोक)। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद हुए चुनावों में मिली लगातार हार और कार्यकर्ताओं में पूरी तरह से स्वीकार्यता बनाने में असफल साबित हो रहे जीतू पटवारी अब नए सिरे से कवायद करने जा रहे हैं। इसके तहत वे अब जल्द ही कार्यकर्ताओं से रुबरु होने की योजना बना रहे हैं।
इसके जरिए उनके द्वारा कार्यकर्ताओं की बात को मिलकर सुना जाएगा। अहम बात यह है कि अपनी मन की बात कहने के लिए कार्यकर्ताओं को भोपाल नहीं आना पड़ेगा, बल्कि वे कार्यकर्ता की बात सुनने के लिए उसके इलाके में जाएंगे। उनका मानना है कि इससे न केवल कार्यकर्ताओं में उत्साह पैदा होगा , बल्कि वे उनकी पीड़ा बाहर आने के बाद उनकी नाराजगी भी दूर होगी। इससे कार्यकर्ता सक्रिय भी होगा और गुटबाजी भी समाप्त होगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर व्यापक योजना तैयार कर ली गई है। इसे अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से शुरू करने की तैयारी है, जिसका नाम कार्यकर्ता पंचायत के नाम दिया गया है। दिल्ली में होने जा रही है 3 अप्रैल की बैठक से लौटने के बाद पटवारी ने कार्यकर्ता पंचायत के नाम से हर जिले में जाने की तैयारी की है, ताकि निचले स्तर के कार्यकर्ताओं और नेताओं से वे उनके मन की बात जान सके। इतना ही नहीं, पटवारी अब कांग्रेस को एकजुट करने और निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनने के लिए हर जिले के दौरे का प्लान बना रहे हैं। इसके तहत वे कार्यकर्ताओं के बीच जाएंगे और उनकी शिकायतों को लेकर बात करेंगे। विदित हो कि स्वयं पटवारी कांग्रेस में गुटबाजी को कैंसर बता चुके हैं, जिसको लेकर उन्हें अपने ही नेताओं की आलोचना का शिकार होना पड़ा है।
पीसीसी में चल रही तैयारी
पार्टी से जुड़े कोई न कोई कार्यक्रम लगातार चलने के कारण कांग्रेस अभी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की दिशा में रणनीति नहीं बना पा रही थी, इसीलिए अब कांग्रेस के आला नेताओं ने हर जिले में जाने का प्लान तय किया गया है। इसकी तैयारी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में चल रही है कि किन जिलों का दौरा पहले हो। इस अभियान के तहत पटवारी कार्यकर्ताओं से उस जिले या क्षेत्र में कांग्रेस की मौजूदा परिस्थिति की जानकारी भी लेंगे। जिस तरह से कांग्रेस को करारी हार का सामना विधानसभा और लोकसभा में करना पड़ा। उसके कारण क्या रहे, इस पर भी चर्चा की जाएगी।
आगामी चुनाव है लक्ष्य
दरअसल, जीतू पटवारी द्वारा प्रदेश कांग्रेस की कमान सम्हालने के बाद प्रदेश में हुए एक विधानसभा सीट के उपचुनाव में मिली जीत को छोडकऱ कांग्रेस को सभी चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। इसमें सर्वाधिक बुरी हार का सामना कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करना पड़ा। यही वजह है कि प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में यह पहली बार है, जब कांग्रेस के पास लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है और सभी 29 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। पूर्व प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी संगठन में तेजी से हो रही गिरावट और दलबदल को संभालने में अब तक पूरी तरह से सफल नहीं सके हैं।

Author: Jai Lok
