नये शिक्षा विधेयक पर बोले विधायक अभिलाष पांडे, डिजिटल अरेस्ट का मुद्दा भी उठाया
जबलपुर (जय लोक)। उत्तर मध्य विधानसभा के भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने विधानसभा के हाल ही में संपन्न हुए सत्र के दौरान अतिक्रमण, नए शिक्षा विधेयक, डिजिटल अरेस्ट, नशे के बढ़ते प्रभाव, पत्रकार सुरक्षा कानून जैसे महत्वपूर्ण विषयों को सदन के समक्ष उठाया। सबसे महत्वपूर्ण विषय नए शिक्षा विधेयक पर प्रकाश डालते हुए विधायक अभिलाष पांडे ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने शिक्षा विधेयक में जो महत्वपूर्ण संशोधन का बिल सदन में प्रस्तुत किया है वह निश्चित रूप से आने वाले समय में पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा आघात के रूप में बढ़ती हुई फीस के खेल को रोकने में कामयाब होगा। स्कूल संचालकों की कॉपी-किताबें वाले, यूनिफॉर्म वाले दुकानदारों से सांठ-गाँठ का खेल और अभिभावकों को लूटने की साजिश को भी रोकने में कामयाब होगा। विधायक श्री पांडे ने सदन में जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्तावित संशोधन 2017 के विधेयक की धारा 1,2,3,5 और 8 जो बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं वह आने वाले समय में इस दिशा में मील के पत्थर साबित होंगे।
इस विधेयक के अनुसार ऐसी कोई भी निजी स्कूल जो 25 हजार रुपए सालाना फीस वसूल करते हैं वो इस संशोधन और नए नियम के दायरे में आएंगे। उन्हें तीन स्तरीय फीस निर्धारण समिति के समक्ष पहले इस बात की जरूरत स्पष्ट करनी होगी कि फीस क्यों बढ़ाई जा रही है और औचित्य सही पाए जाने पर ही समिति द्वारा इसकी अनुमति दी जाएगी। पहले जिला स्तर की समिति होगी उसके बाद विभाग स्तर की समिति होगी और अंतिम शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य स्तर की समिति होगी। यह मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा निर्णय है जो शिक्षा माफिया और मिली भगत कर बच्चों और उनके अभिभावकों को लूटने वाले माफिया पर बड़ा प्रहार होगा।
जबलपुर प्रशासन ने दिया 150 सौ करोड़ फीस वापस करने का आदेश
सदन में इस बात को भी बताया गया कि जबलपुर प्रशासन ने पूरे मध्य प्रदेश में सर्वाधिक कार्यवाही शिक्षा के क्षेत्र में माफिया के रूप में काम करने वाले लोगों के खिलाफ की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप यह सभी कायवाहियां की गई हैं। जबलपुर में अभी तक 25 स्कूलों की जांच की गई है। इनमें से 12 स्कूलों के 84 व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को जेल भेजा गया है। इसके साथ ही जबलपुर जिला प्रशासन ने विभिन्न निजी स्कूलों द्वारा डेढ़ सौ करोड रुपए की अतिरिक्त वसूली गई फीस अभिभावकों को वापस करने का आदेश भी दिया है।
डिजिटल अरेस्ट: 8:50 करोड़ की आबादी, 30 लाख लोग हुए जागरूक, मंत्री ने कहा भी अपने क्षेत्र में चलाएँ अभियान
ध्यान आकर्षण के दौरान विधायक अभिलाष पांडे ने डिजिटल अरेस्ट पर साइबर अपराध के संबंध में बात उठाते हुए कहा कि इस दिशा में और अधिक मजबूत कानून और संसाधनों का होना आवश्यक है। वर्तमान में कई बिंदुओं पर कमियां नजर आ रही हैं। प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट एक गंभीर विषय है। हजारों लोगों को इससे नुकसान हो चुका है। इस विषय पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा में राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। 2023 में केवल एक मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद 2024 में 26 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें 12 करोड़ 60 लाख से अधिक की राशि की धोखाधड़ी की गई है। 72 लाख की रकम को पुलिस द्वारा वापस भी करवाया गया है और 38 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। विधायक पांडेय ने इस बात को भी उठाया कि सरकार को इस ओर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए कि वह कौन लोग हैं जो डाटा लिंक कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जनता का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए पुलिस मित्र योजना चलाई जाने की आवश्यकता है ताकि आम लोगों का विश्वास पुलिस के प्रति और बढे। ऐसे अपराधियों से निपटने के लिए हमें भी साइबर के विशेषज्ञों को बड़ी संख्या में तैनात करना होगा। डिजिटल अपराध से लोगों को बचाने के लिए अभी तक 30 लाख लोगों को जागरुक किए जाने की जानकारी राज्य मंत्री नरेंद्र पटेल ने सदन में दी। जिस पर विधायक पांडे ने कहा कि 8:50 करोड़ की आबादी में 30 लाख लोगों का जागरूक हो जाना समस्या के अनुरूप छोटा समाधान है। इस बारे में शासन की क्या योजना है। जिस पर मंत्री श्री पटेल ने कहा कि सरकार ओर पुलिस लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। मंत्री श्री पटेल ने कहा की मैं सुझाव के रूप में सभी सदस्यों से यह आग्रह करना चाहूंगा कि वह अपने अपने क्षेत्र में भी जनता को जागरूक करने के लिए डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ अभियान चलाएं। सबको इसके खिलाफ मिलकर लडऩा होगा।