@जबलपुर (जयलोक)
मध्य प्रदेश सरकार माँ नर्मदा के प्रति आस्थावान है और जिस प्रकार के नए नियम बनाकर नर्मदा तट के पाँच किलोमीटर के दायरे से शराब दुकानों को दूर हटाया गया उसका उद्देश्य यही था कि माँ नर्मदा का तट पवित्र बना रहे और यहां आने वाले लोग शराब से सेवन ना करें। लेकिन इसके विपरीत शराब सिंडिकेट ने पाबंदी को मुनाफे का जरिया बना लिया और खुलेआम अपने गुर्गों से गली-गली और मोहल्ले मोहल्ले शराब बिक्री शुरू करवा दी। हद तो तब हो गई जब अभी हाल ही में एक के बाद एक वीडियो अवैध शराब बिक्री के सामने आने लगे लेकिन इसके बाद भी ना तो आबकारी विभाग मुस्तैदी से कार्यवाही कर रहा है और ना ही स्थानीय पुलिस प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य कर रही है।
अब तो पुलिस और आबकारी विभाग के लोग शराब सिंडिकेट का हिस्सा माने जाने लगे हैं क्योंकि इस काली कमाई और अवैध धंधे का एक मोटा हिस्सा उनके पास भी पहुंच रहा है तभी तो आंखें बंद हैं और मुंह सिला हुआ है।
एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें ग्वारीघाट के तट पर ही एक व्यक्ति थैले में शराब रखकर बेचता हुआ नजर आ रहा है। यह वीडियो गौरी घाट तट पर ही बनाया गया है और साफ साफ नर्मदा जी का घाट नजर आ रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों की आंखों में झोंक रहे धूल या ऊपर तक है आँखें बंद
अब तो यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर आबकारी विभाग का अमला और स्थानीय थाना या तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रहा है या फिर शराब सिंडिकेट और ठेकेदारों का इतना अधिक प्रभाव है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने भी आंखें बंद कर ली हैं और इन्हें अवैध रूप से शराब बिक्री करने की खुली छूट दे रखी है।
गंभीर अपराध दर्ज नहीं होता, जप्त मात्रा में कर लिया जाता है पूरा खेल
जानकारों का कहना है कि शराब सिंडिकेट अवैध शराब कारोबार के खिलाफ आवाज उठाने पर अपने ही किसी छोटे-मोटे गुर्गे को गिरफ्तार करवाता है और एक सीमित मात्रा में देसी विदेशी शराब जप्त करवा दी जाती है ताकि उसके ऊपर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत गंभीर अपराध दर्ज न हो और वे तत्काल छूट कर फिर से अपना व्यापार करने लगे। इस सौदेबाजी में पुलिस की इज्जत रह जाती है और कई बार आबकारी भी पुती हुई कालिख को छुड़ाने के लिए कुछ कागजी कार्यवाही कर लेती है। पूरा खेल शराब जप्ती पर निर्भर करता है। कई बार शराब सिंडिकेट के इशारे पर पुलिस सिंडिकेट के बाहर के लोगों पर गंभीर आबकारी अधिनियम व अन्य अपराध दर्ज करती है ताकि वे लोग अपने क्षेत्र में काम नहीं कर पाएं। पुलिस और आबकारी विभाग इस सिंडीकेट के खेल में मोहरा मात्र बनकर रह गए हैं।
सामाजिक संगठन ने उठाया था मुद्दा, घेरा था आबकारी थाना
अभी हाल ही में मध्य भारत मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ग्वारीघाट में हो रही खुलेआम शराब बिक्री का एक वीडियो जारी किया था। यह दूसरा वीडियो भी मध्य भारत मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा ही जारी किया गया है। इसके पूर्व में उन लोगों ने प्रतिबंधित क्षेत्र ग्वारीघाट में आस्थाओं से हो रहे खिलवाड़ और शराबखोरी को दिए जा रहे बढ़ावा के विरोध में आबकारी विभाग का घेराव किया था। लेकिन दिखावे की कार्यवाही के बाद सिर्फ यह धंधा फिर अपनी गति से माँ नर्मदा के तट पर अभी भी खुलेआम चल रहा है।