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अब निगम-मंडल पर नजर, संगठन में खाली हाथ रह गये नेताओं की उम्मीदें बरकरार

भोपाल (जयलोक)। सत्ता पर बैठी भाजपा ने अपनी प्रदेश संगठनात्मक टीम की घोषणा की, तो कई दिग्गज नेता निराश हो गए। अब इन नेताओं की नजर राज्य के निगम मंडलों में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों पर लग गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इन नियुक्तियों पर से जल्द पर्दा हटेगा। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने 29 सदस्यीय अपनी जो टीम घोषित की है, उसमें 13 पदाधिकारियों या कार्यकारिणी सदस्यों को दूसरी बार मौका मिला है, जबकि 16 नए चेहरे प्रदेश की टीम में सक्रिय होंगे। इन नियुक्तियों ने कई ऐसे नेताओं को निराश कर दिया है, जो अरसे से हाशिए में है और उन्हें उम्मीद थी कि वो इस बार प्रदेश संगठन में किसी न किसी पद पर आकर संगठन की मूलधारा से जुड़ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब इन नेताओं का प्रयास निगम मंडल में पद पाने के लिए है।
हैरान हैं कई दिग्गज नेता
चर्चा है कि प्रदेश की सूची जारी होने के बाद मध्यप्रदेश के कई नेता परेशान हैं। इनमें से कुछ नेता वह हैं, जो कल तक संगठन के पद देने से लेकर चुनावी टिकट तक देने में अहम टोल निभाते रहे हैं। लेकिन इस बार न तो उनकी सिफारिशों पर ध्यान दिया गया और न ही इसके लिए दिल्ली में उनकी कोई सुनवाई हुई। नई टीम पूरी तरह से सत्ता, संगठन और संघ के समन्वय से छनकर बाहर आई। जिससे पॉवरफुल कहे जाने वाले नेता पूरी तरह से हैरान परेशान हो गए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा की टीम घोषित होने के चंद दिनों बाद ही वहां की सरकार ने अपने निगम मंडल प्राधिकरण और आयोग के पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां कर दी। कहा जा रहा है कि यदि मध्यप्रदेश में भी छग की तरह कदम उठाए जाते है तो निगम मंडल की सूची जल्द घोषित हो सकती है।
12 नामों की सूची तैयार
सूत्रों की मानें तो 12 निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों की सूची तैयार है, जिस पर दिल्ली और संघ से लेकर प्रदेश सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। इनमें से कुछ वरिष्ठ नेताओं, संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े कार्यकर्ताओं और लंबे समय से पार्टी में उपेक्षित चल रहे नेताओं के नाम बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार खाली निगम मंडलों के लिए एक साथ सूची जारी नहीं करेगी, अलबत्ता तीन से चार सूचियों के जरिए सभी निगम मंडल, प्राधिकरण और आयोगों के खाली पद भरे जाएंगे। भाजपा के जानकार बताते हैं कि शीर्ष नेतृत्व ने इस बार प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को निर्धारित पद संख्या में वृद्धि करने की अनुमति दी है। इसमें उपाध्यक्ष और महामंत्री 1-1 और पद बढ़ाए गए हैं। हाल में जारी सूची में 9 उपाध्यक्ष व 4 महामंत्री बनाए गए हैं, ऐसे में अभी इन महत्वपूर्ण पदों पर 1-1 नेता को और एडजस्ट किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि निगम मंडल की नियुक्तियों के बाद यदि कोई ऐसा बड़ा नेता बचता है, जिसे पद दिया जाना आवश्यक है, तो उन्हें उपाध्यक्ष या महामंत्री बनाया जा सकता है।
संगठन के सहारे सधेगा मालवा
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को यदि कहीं से सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था, तो वह मालवा क्षेत्र था। ऐसे में शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश की टीम में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है। माना जा रहा है कि यहां से ज्यादा से ज्यादा नेता प्रदेश टीम में रहकर संगठन को मजबूत बनाने का काम करेंगे। विशेषकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आने वाले समय में इन नए पदाधिकारियों के जरिए भाजपा घर-घर पहुंचेगी और इन क्षेत्रों में कांग्रेस को पटकनी देने की रणनीति तैयार करेगी।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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