पटना, आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव लंबे समय से चर्चा में रहे हैं। नतीजा ये हुआ कि ईडी ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में हुई सर्च ऑपरेशन में कुछ बेनामी संपत्ति सहित कई संदिग्ध लेन देन से जुड़े मामलों के बारे में पता लगाया गया है। इसमें कई तरह के दस्तावेज के अलावा 15 किलो बुलियन चांदी भी बरामद हुई है। मामले को आगे जानने से पहले बुलियन को जानना जरुरी है। बुलियन शब्द एंग्लो-नॉर्मन शब्द से आया है। इसका अर्थ है-पिघलने वाला घर। बुलियन ट्रेडिंग में पैसे कमाने के लिए सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं को खरीदना और बेचना शामिल है। बुलियन उच्च शुद्धता वाला भौतिक सोना और चांदी है, जिसे प्राय: बार, सिल्लियां या सिक्कों के रूप में रखा जाता है। यह गोल्ड बुलियन और सिल्वर बुलियन के रूप में हम अधिक सुनते हैं। बुलियन मार्केट एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है जहां कीमती धातुओं का कारोबार होता है।
बुलियन को कभी-कभी केंद्रीय बैंकों या संस्थागत निवेशकों द्वारा रिजर्व के रूप में रखी जाने वाली कानूनी मुद्रा माना जा सकता है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले भारत के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज को गुजरात के गांधी नगर में लॉन्च किया था। गांधीनगर के पास इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) का यह एक्सचेंज फिजिकल गोल्ड और सिल्वर की बिक्री करता है। इस एक्सचेंज को शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोर्सा इस्तांबुल की तर्ज पर स्थापित किया गया है। यह भारत को बुलियन के रीजनल हब के रूप में मजबूत स्थिति प्रदान करता है। सूत्र बताते हैं कि जांच एजेंसी को सर्च ऑपरेशन के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, सबूत सहित अन्य जानकारियां मिली हैं।सबूतों और दस्तावेजों को खंगालने के बाद उसे जांच एजेंसी ईडी अपनी सहयोगी जांच एजेंसी के साथ साझा भी कर सकती है। आने वाले दिनों में आईएएस संजीव हंस के साथ इस केस से जुड़े कई आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
