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आफत की रजिस्ट्री : संपदा 2 को ठेंगा दिखा रहा घटिया सर्वर नेटवर्क

सामान्य दिनों में भी घंटो बंद रहता है कामकाज, आम लोग हो रहे परेशान

जबलपुर (जय लोक)। रजिस्ट्री ऑफिस में अपनी संपत्ति का पंजीयन करना है या क्रय विक्रय के कार्य को संपादित करना किसी पर्वत की चोटी पर चढक़र जाने से भी ज्यादा कठिन हो गया है। डिजिटल भारत और ऑनलाइन कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की मंशा पर तकनीकी खामियाँ भारी पड़ रही हैं। हाल ही में 1 अप्रैल से सरकार ने संपदा टू सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है।  संपदा 2 में होने वाला हर एक पंजीयन डिजिटल होता है और जिसमें के्रता विके्रता गवाह और सर्विस प्रोवाइडर से लेकर हर एक चीज का डिजिटल पंजीयन होता है। देखने सुनने में यह व्यवस्था बहुत अच्छी लगती है लेकिन तकनीकी रूप से कमजोर हमारी व्यवस्थाएं इसको सफल होने नहीं दे रही हैं।
मार्च के महीने के अंतिम दिनों में सामान्य रूप से रजिस्ट्री दफ्तरों में बहुत अधिक कार्यभार देखने को मिलता है। इसका कारण यह है कि समान्यत: अप्रैल से गाइडलाइन डेट में बढ़ोतरी होती है और जमीनें महंगी हो जाती हंै इसलिए लोग मार्च के अंतिम दिनों में ही रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं।
1 अप्रैल से संपदा वन को शासन प्रशासन में बंद कर दिया है और अब जो भी भूमि से संबंधित पंजीयन और रजिस्ट्री के कार्य होंगे यह संपदा-2 सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही होंगे। लेकिन सामान्य रूप से घटिया सर्वर संपदा-2 सॉफ्टवेयर को ठेंगा दिख रहा है।
2 दिन 3 दिन पहले से भी सारी ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर स्लॉट बुक करके एडवांस में समय की बुकिंग करने के बावजूद आज भी जब सुबह सैकड़ों की संख्या में लोग रजिस्ट्री ऑफिस पहुँचे तो सर्वर ने धोखा दे दिया। सर्वर डाउन होने के बाद कोई भी यह बता पाने की स्थिति में नहीं होता है कि यह कब आएगा कब रुके हुए कार्य आगे बढ़ेंगे। ऐसी स्थिति में लोग केवल परेशान ही होते हैं और अपने आगे के कार्यों को भी पूरा नहीं कर पाते हैं।
खाली हो जाती हैं अधिकारियों की कुर्सियाँ
जैसे ही सर्वर डाउन होता है तत्काल कुछ देर बाद ही पंजीयक और उप पंजीयक की कुर्सियाँ खाली हो जाती है और सब इधर उधर तफरी करने लगते है।
स्क्रीन पर निगाहें कब आएगा नंबर
सर्वर डाउन होने के बाद अपने महत्वपूर्ण कार्य छोडक़र रजिस्ट्री करवाने आए लोग केवल स्क्रीन पर नजरें गड़ाए खड़े रहते हैं। दिन में बहुत से लोग व्यापारी वर्ग के होते हैं और बहुत से नौकरी शुदा लोग होते हैं जो अपना काम बीच में छोड़ कर रजिस्ट्री का महत्वपूर्ण कार्य पूर्व से स्लॉट बुक कर के करवाने के लिए आते है। लेकिन जब घटिया सर्वर में नेटवर्क धोखा दे जाता है तो कोई कुछ कर नहीं पाता और सबको घंटे गर्मी में थकहार कर इंतजार करना पड़ता है।

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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