*माता महाकाली की खंडित प्रतिमा का सादगी से हुआ विसर्जन, गलती करने वालों ने माफी मांगी देखिए वीडियो,ऐसा हुआ घटनाक्रम
जबलपुर (जयलोक)। कछपुरा में विगत कुछ दिनों से नवरात्रि के दौरान रखी जाने वाली माता महाकाली की प्रतिमा इस वर्ष खंडित हो जाने के बाद आयोजकों द्वारा उसे पुन: सुधार कर फिर से पंडाल में पूजन अर्चन के लिए पंडाल चालू कर दिया था। यह हिंदू धर्म की मान्यताओं सभ्यताओं और पूजा के विधि विधान के विपरीत किया गया कार्य माना गया था। लोगों ने खुलकर आरोप लगाया कि आयोजन समिति ने सिर्फ चंद और चढ़ाने में आने वाली मोटी राशि की लालच में यह कार्य किया है। माता रानी का दरबार लगाने के साथ यहां पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करना ही मुख्य उद्देश्य नजर आता है। यही मुख्य वजह थी कि माता महाकाली की प्रतिमा को खंडित होने के तत्काल बाद विसर्जित ना कर फिर से पाखंड कर उनके दर्शन प्रारंभ करवाए गए जबकि खंडित प्रतिमा के पूजन अर्चन का कोई विधान ही नहीं है। मां काली की प्रतिमा बीच से टूट गई थी और इसका वीडियो सामने आने के बाद इस पूरे मामले का तीव्र विरोध होने लगा था।
दैनिक जय लोक ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था और धार्मिक संगठनों, प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में भी इस मामले को लाया था कि यह धार्मिक मान्यताओं के विपरीत किया गया कार्य है। खंडि़त प्रतिमा का तत्काल विसर्जन होना चाहिए। सबसे पहले दैनिक जय लोक ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया इसके बाद हिंदू धर्म संगठन से जुड़े कई लोगों ने भी इस बात का विरोध किया। बहुत से पदाधिकारी यादव कॉलोनी पुलिस चौकी में पहुंचे और चौकी प्रभारी सतीश झरिया के समक्ष धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और हिंदू रीति रिवाज से हटकर किए जाने वाले कार्य की शिकायत की।
थाने बुलाया गया संजय गुप्ता को
अखबार में लगातार प्रकाशित हो रही खबरें और हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद पुलिस ने कछपुरा महाकाली समिति के संयोजक संजय गुप्ता और अन्य लोगों को थाने बुलाया। वहां पर थोड़ी देर की गहमागहमी और आरोप प्रत्यारोपों के बाद आयोजन समिति के संजय गुप्ता ने क्षमा याचना करते हुए अपनी गलती स्वीकार की और आपसी समन्वय से यह तय हुआ कि अब माता काली की खंडित प्रतिमा को क्षमा याचना के साथ सादगी पूर्ण तरीके से ग्वारीघाट स्थित भटौली घाट में विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा। इस दौरान कोई भी ढोल, धमाका, डीजे, बैंड, बाजा और स्वागत नहीं किया जाएगा।पूर्व में आयोजन समिति द्वारा खंडित हो चुकी प्रतिमा को पूरे तामझाम के साथ धार्मिक आस्थाओं के विपरीत और पूजन के विधि विधान के खिलाफ जाते हुए पाखंड के साथ जुलूस निकालने की तैयारी थी। लेकिन लगातार सामने आ रहे विरोध के बाद अब इस प्रकार की मनमानी पर रोक लग गई है। आयोजन समिति के संयोजक संजय गुप्ता और सदस्यों ने माफी मांगते हुए अपनी गलती स्वीकार कर ली है और सादगी के साथ प्रशासन और धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी की उपस्थिति में माता महाकाली की खंडित प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा।
समन्वय स्थापित करने में चौकी प्रभारी की अहम भूमिका
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात और उभर कर सामने आई है। यादव कॉलोनी पुलिस चौकी में पदस्थ प्रभारी एसआई सतीश झरिया ने इस पूरे धार्मिक भावनाओं से जुड़े प्रकरण में सभी पक्षों के बीच में समन्वय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इस बात का पूरा ध्यान रखा गया की धार्मिक भावनाएं आहत न हों और किसी भी प्रकार के तनाव की स्थिति ना निर्मित हो। एसआई झरिया ने सभी पक्षों के लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखा। अपने वरिष्ठ अधिकारियों को हर महत्वपूर्ण सूचना से अवगत कराया और उनके निर्देश प्राप्त कर समन्वय बनाया की किसी भी प्रकार से धार्मिक भावनाओं के खिलाफ कोई कृत्य ना हो और खंडित प्रतिमा का विसर्जन भी धर्म सम्मत तरीके से संपन्न हो जाए।
वहीं विसर्जन करने का निर्णय हुआ, लेकिन नहीं बन पा रहा कुंड
खंडित हुई महाकाली की प्रतिमा को तीन दिन तक पंडाल में दर्शन के लिए रखने वाले पाखंडी लोगों ने यह बात सभी श्रद्धालुओं से छुपाई, इस बात का हर जगह विरोध हुआ। जय लोक ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। धार्मिक संगठन के पदाधिकारी ने भी यादव कॉलोनी चौकी पहुंचकर अपनी नाराजगी व्यक्त की, विरोध किया। कल देर रात तक यह निर्णय हुआ था कि माता महाकाली की खंडित प्रतिमा को इस स्थान पर कुंड बनाकर विसर्जन किया जाएगा और क्षमा याचना कर पूजन अर्चन कर माफी मांगी जाएगी। लेकिन मौके पर जगह उतनी उपलब्ध न होने के कारण और सुविधाओं की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। माता महाकाली की प्रतिमा भी बड़े आकार की है और वहीं पर कुंड बनाकर उसका विसर्जन हो पाना संभव नहीं हो पा रहा है इसीलिए यह निर्णय लिया गया की सादगी से माता महाकाली की प्रतिमा को ग्वारीघाट ले जाकर भिटौली कुंड में विसर्जित किया जाएगा।