पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को खत्म करने ऑपरेशन सिंदूर से शहर में खुशी का माहौल
आज ब्लैकआउट के बीच होगी सिविल डिफेंस ड्रिल,युद्ध में हवाई हमले के दौरान बताए जायेंगे बचाव के उपाय
जबलपुर (जयलोक)। पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के 9 शिविरों को कल रात को भारतीय सेना ने कुछ ही समय में नष्ट कर दिया। इन शिविरों में रह रहे आतंकियों के मारे जाने के आंकड़े अभी सौ से ज्यादा बताए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सीधे निर्देशन में भारतीय सेना ने रात को 12 बजे के बाद एयर स्ट्राइक की। इस एयर स्ट्राइक में भारतीय सेना ने अपनी सीमा के भीतर रहते हुए ही रॉकेट लॉन्चर से आतंकी शिविरों पर बम बरसाए। इस बमबारी में पाकिस्तान के अलग अलग इलाकों में संचालित 9 शिविर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। इन शिविरों में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी शिविर नष्ट कर दिए गए हैं।
कल रात को 12 बजे के बाद से ही बहुत सारे लोगों को भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर हमले के समाचार मिलने लगे थे। आज अल सुबह से लोग अपने घरों के टीवी से जुड़े रहे और भारत की कार्रवाही का पल-पल का हाल जानते रहे। भारत द्वारा की गई इस कार्रवाही को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय सेना की नगरवासी सुबह से ही प्रशंसा कर रहे हैं। शहर के कुछ क्षेत्रों में आज आतिशबाजी भी की गई और मिठाईयां भी बांटी गई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुई आतंकवादी हमले के बाद देश गुस्से में है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में आज सिविल डिफेंस ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सिविल डिफेंस ड्रिल के लिए जिला पुलिस और सैन्य प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। आज सुरक्षा की रिहर्सल की जाएगी, पड़ोसी जिला कटनी में भी यह ड्रिल होगी। ड्रिल का समय 4 बजे से रहेगा वहीं ब्लैक आउट शाम 7.30 बजे से 7.42 बजे तक रहेगा। इस संबंध में मंगलवार को जिला, पुलिस और सैन्य प्रशासन की एक संयुक्त बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई, जिसमें सिविल डिफेंस ड्रिल की रुपरेखा तय की गई।
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर जबलपुर में भी मॉक ड्रिल आज होगी, जिसको लेकर तैयारियां की गई हैं। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले पर अलर्ट करने वाले सायरन लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। किसी भी तरह के हवाई हमले की स्थिति में ये सायरन बजने लगते हैं, ताकि लोग आस पास किसी सुरक्षित जगह पर खुद को छुपा सकें।
ऐसे सायरन युद्ध की स्थिति में काम आते हैं। यह एक ज्वाइंट मॉक ड्रिल होगी, इसमें आर्मी व अन्य सुरक्षा एजेंसियां व संसाधन भी शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि देश में इस तरह की ड्रिल 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान हुई थी। पूरे देश में 1971 के बाद यह ड्रिल पहली बार की जा रही हैं। देश की 60 प्रतिशत जनसंख्या इस प्रकार की ड्रिल पहली बार देखेगी। 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान आखिरी बार देश में इस प्रकार की ड्रिल आयोजित की गई थी।
कलेक्टर ने दी जानकारी
इस मामले में कल कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में सिविल डिफेंस की तैयारियों के संबंध में कलेक्टर सभागार में बैठक आयोजित की गई। जिसमें आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा के लिए आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल के संबंध में चर्चा कर उसकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।। इस दौरान एयरपोर्ट, आर्मी, रक्षा संस्थान, सिविल डिफेंस, हेल्थ, इलेक्ट्रिसिटी आदि अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे, जिसमें सभी ने आपदा के समय अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
इसका मुख्य उद्देश्य जनता को जागरूक करना है। इसके लिए सायरन बजेगा। लोग स्वयं अपने-अपने घरों के बाहर की लाईट बंद करेंगे, साथ ही शासकीय व अशासकीय सभी संस्थान बाहर की लाईट बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि सडक़ पर चलने वाले वाहनों की लाईट भी उक्त अवधि के दौरान बंद रखा जाये। इस ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य यह अभास कराना है कि उक्त क्षेत्र अवासीय नहीं है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि बाहर जाने वाली रोशनी को बंद करने के लिए लोग जागरूक रहे यह होटल, माल व दुकानों में तथा अन्य संस्थानों में भी करें और विपरीत परिस्थितियों से बचने के लिए जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लाइट से एयर अटैक की संभावना रहती है, अत: इन परिस्थितियों को समझें और नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से जागरूक रहें। राष्ट्रीय सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित समय में 12 मिनट ब्लैक आउट लोग स्वयं करें।
क्या होता है खतरे का सायरन और सामान्य होने का कारण
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि सायरन व रेड सिग्नल होते ही लोग अपने घरों की बाहर की लाइटें बंद कर दें तथा ग्रीन सिग्नल होने पर चालू कर सकते हैं। साथ ही कहा कि किसी भी क्षेत्र में सायरन बजता है तो वहां आपदा से निपटने के लिए तत्पर रहें। खतरे के सायरन के रूप में जब आवाज होती है तो उसमें अंतर होता है और वह आवाज तेज धीमी होकर आती है। लेकिन जब खतरे की स्थिति टल जाती है और सामान्य स्थिति का संकेत देना होता है तो फिर एक सी ध्वनि में ही सायरन बजाता है यह सामान्य होने का ग्रीन सिग्नल है।
