उमरिया/भोपाल (जयलोक)। उमरिया जिले के प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र में बाघ के हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो दिन में यह तीसरा हमला है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। स्थानीय लोगों में डर का वातावरण है और वन विभाग की टीम पूरी तरह अलर्ट पर है। ताजा मामला मंगलवार सुबह का है, जब पतौर गांव के निवासी राम नारायण भुरतिया पर बाघ ने हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार, राम नारायण सुबह के समय महुआ बीनने जंगल की ओर गए थे। इसी दौरान अचानक एक बाघ ने उन पर झपट्टा मार दिया। हमले में राम नारायण को पीठ और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। घटना की सूचना मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मैराल के नेतृत्व में वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। घायल राम नारायण को प्राथमिक उपचार के बाद मानपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, राम नारायण की हालत अब स्थिर है, लेकिन अभी भी उन्हें निगरानी में रखा गया है। परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मैराल ने बताया कि यह घटना कोर क्षेत्र में घटी है, जहां ग्रामीणों का प्रवेश प्रतिबंधित होता है। बावजूद इसके, महुआ और अन्य वनोपज एकत्र करने के लिए ग्रामीण अक्सर इस क्षेत्र में चले जाते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मौके पर वन विभाग का स्टाफ तैनात कर दिया गया है और निगरानी बढ़ा दी गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जो कि देश के प्रमुख बाघ अभ्यारण्यों में से एक है। इस तरह की घटनाएं वन्यजीवों और मानवों के बीच बढ़ते टकराव को उजागर करती हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे बिना अनुमति और सुरक्षा के कोर क्षेत्र में न जाएं, विशेषकर इस मौसम में जब बाघों की सक्रियता अधिक रहती है। वन विभाग अब इस क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है ताकि ग्रामीणों को वन्यजीवों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों और जोखिमों के बारे में जानकारी दी जा सके। साथ ही, बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप और गश्त बढ़ाने जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं।
जो हंस-हंस कर अपनी बैंड बजवाए उसे ही ‘हस्बैंड ’ कहते हैं …..
