जबलपुर (जयलोक)
कल देर शाम पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कुछ थाना प्रभारियों को लाइन हाजिर किया, कुछ लोगों के थानों में फेर बदलकर उन्हें इधर से उधर भी किया गया है। इस फेर बदल के पीछे का मुख्य उद्देश्य यही बताया जा रहा है कि जो थाना प्रभारी पुलिस अधीक्षक की समझाइश और चेतावनियों को नजर अंदाज कर कार्य कर रहे थे और इनके खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रहीं थीं। इसलिये उन्हें पुलिस अधीक्षक ने सबक सिखाया है। इस बात के भी स्पष्ट संकेत प्राप्त हुए हैं कि त्यौहारों का दौर खत्म होने के बाद बड़े स्तर पर थानों में जमे पुराने लोग जो हर आर्थिक अपराधिक मामलों में शामिल हो जाते हैं और पुलिस को बदनाम करने का काम कर रहे हैं उन्हें भी पुलिस अधीक्षक अपनी नजरों में ला चुके हैं और जल्द ही उनके तबादलों की भी बड़े स्तर पर कार्यवाही होगी।
जय लोक ने पूर्व में कोतवाली, लॉर्डगंज, बेलबाग, गढ़ा आदि थानों में वर्षों से जमे ऐसे पुराने लोगों के रूप में हवलदार, सिपाही, उपनिरीक्षक आदि के बारे में खबर प्रकाशित की थी। उसके तत्काल बाद पुलिस अधीक्षक ने ऐसे लोगों की जानकारियाँ एकत्रित करवा ली हंै। ऐसे सभी लोगों की गतिविधियाँ अब पुलिस अधीक्षक की जानकारी में है। जल्दी ही ऐसे लोगों को हटाकर थाने स्तर की कार्यवाही को भी मजबूत बनाने का कार्य किया जाएगा।
कोतवाली और खमरिया थाना प्रभारी हुए लाइन हाजिर
कल पुलिस अधीक्षक ने आदेश जारी कर 8 थाना प्रभारियों को इधर से उधर किया है। जिनमें कोतवाली थाना प्रभारी संजीव त्रिपाठी और खमरिया थाना प्रभारी भूपेन्द्र आर्मो को लाइन हाजिर किया गया है। कोतवाली थाना प्रभारी के खिलाफ लगातार अनियमितताओं और दुव्र्यवहार की शिकायतें सामने आ रहीं थीं।
इन थाना प्रभारियों के हुए तबादले
इन थाना प्रभारियों में मानस द्विवेदी थाना प्रभारी हनुमानताल को नवीन रांझी थाने में भेजा गया है। वहीं नेहरू सिंह खण्डाते को गोराबाजार से सिविल लाइन थाना, धीरज राज को सिविल लाइन से हनुमानताल, भुवन प्रसाद देशमुख को पुलिस लाइन से कोतवाली, रमन सिंह को रांझी से गोराबाजार, संजीव त्रिपाठी को कोतवाली से पुलिस लाइन, गाजीवती पुश्याम को पुलिस लाइन से खमरिया और भूपेन्द्र आर्मो को खमरिया से पुलिस लाइन भेजा गया है।
क्राइम ब्रांच के कुछ धंधेबाज वर्दीधारियों पर नजर गड़ी
जिले में ऐसे ही कुछ पुराने लोग क्राइम ब्रांच में भी जमे हुए हैं। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी आए जाए इन लोगों को कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता और यह अपने स्थान पर ही बने हुए हैं। इन लोगों को अब वर्दीधारी धंधेबाज के रूप में पहचाने जाने लगा हैं। बहुत सारी ऐसी आर्थिक अनियमिताएं हैं जो अपराध की श्रेणी में आती हैं और ऐसे अपराधिक लोगों के साथ क्राइम ब्रांच के कुछ हवलदार, सिपाही और उपनिरीक्षक यहाँ तक की कुछ अधिकारी भी अपराधियों के साझेदार बने हुए हैं। ऐसे कुछ लोग होटल चला रहे जहाँ ओयो की सुविधा और शराब पार्टी होती है। कुछ सटोरियों के साथ मिलकर जमीन में साझेदारी कर प्लाटिंग कर रहे हैं और अपना नाम पर्दे के पीछे बनाए हुए हैं। कुछ फरार अपराधियों के साथ सांठ गांठ कर केवल सूचना बेचने का काम कर रहे है। ऐसे सभी लोगों को भी फेरबदल के इलाज की बहुत आवश्यकता है। यह ऐसे कल पुर्जे हैं जो क्राइम ब्रांच की कार्यवाही को जाम लगाकर रखे हुए हैं। नए ऊर्जावान और जोशीले लोगों की क्राइम ब्रांच को जरूरत है ताकि शहर के दिग्गज फरार अपराधियों से लेकर नशे के कारोबारी सटोरियों से याराना कम कर पुलिस इन पर कमरतोड़ कार्यवाही कर सके। कुछ सिपाही हवलदार तो ऐसे हैं जो अपने आप को वरिष्ठ अधिकारियों और क्राइम ब्रांच के जिम्मेदार अधिकारियों का इतना खास बताते हैं कि उनके ही भरोसे क्राइम ब्रांच चल रही है। जिसके कारण क्राइम ब्रांच में अंदरूनी राजनीति भी बहुत है और जो काम करने वाले लोग हैं उन्हें दबाया जा रहा है। यह सभी बातें पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के संज्ञान में है और जल्द हीं मौका देखकर बड़े फेरबदल की तैयारी में है।