जबलपुर, (जयलोक)। कलेक्टर कार्यालय स्थित रिकॉर्ड रूम की तस्वीर बदल गई है। रिकॉर्ड रूम को अपडेट किया गया है जिससे अब आसानी से कम्प्यूटर के माध्यम से 116 पुरान रिकॉर्ड भी देखा जा सकता है। दीपक सक्सेना ने कल राजस्व रिकार्ड रूम का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि पहले यह राजस्व अभिलेखागार बहुत ही अस्त व्यस्त था, जिसे अपडेट कर आधुनिक रूप में लाने की अति आवश्यकता थी। क्योंकि आम जन को सहजता से वांछित रिकॉर्ड सुलभता के साथ उपलब्ध हो सके। अपडेटेड राजस्व रिकॉर्ड रूम में 1909-10 से अभिलेख उपलब्ध हैं, जो अब सहजता से कम्प्यूटर के माध्यम से उपलब्ध हो सकेंगे। इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर श्रीमती प्रीति यादव, अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड, संयुक्त कलेक्टर धीरेन्द्र सिंह, श्रीमती शिवाली सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
इसलिए अपडेट हुआ रिकॉर्ड रूम
जिले के राजस्व रिकॉर्ड रूम में रखे पुराने रिकॉर्ड बेहतर स्थिति में नहीं थे। अव्यवस्थित होने के कारण कई बार इसके लिए लोगों को महीनों भटकना पड़ता है। खसरा और नक्शा की नकल तो आसानी से मिल जाती है लेकिन यदि 10 से 20 साल पुराना कोई रिकॉर्ड चाहा गया तो वक्त लगता है। इनका डिजीटाइजेशन जरूर हो रहा है लेकिन गति धीमी है। सिर्फ कुछ बाबू और कर्मचारियों को ही रिकॉर्ड की जानकारी होती थी। बारिश के मौसम में नमी रहती है, ऐसे में पुराने कागजों पर बुरा असर होता है।
रिकॉर्ड रूम में 1909-10 से पहले और उसके बाद के दस्तावेज हैं। इसमें मिसल बंदोबस्त, कस्तबंदी यानी अधिकार अभिलेख, नामांतरण पंजी, निस्तार पत्रक, खसरा व खतौनी से लेकर दूसरे महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रखने का प्रावधान है। लेकिन इतने सालों तक कागज के इन दस्तावेजों को सहेजकर रखना आसान नहीं होता। इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया जाता है। कई तो बेहद नाजुक स्थिति में हैं। इनका कागज खराब हो चुका है। यह रूम में बिखरे भी रहते हैं। दस्तावेजों के लिए कई बार लोग भटकते भी हैं।
रिकॉर्ड रूम को पहले से व्यवस्थित किया गया है ताकि आम लोगों को अभिलेखों की नकल प्राप्त करने में कठिनाइयां नहीं हों।
आसानी से मिल सकेगा रिकॉर्ड
रिकॉर्ड रूम के अपडेट होने से अब आसान से 116 साल तक का रिकॉर्ड मिल सकेगा। कलेक्टर ने कहा कि कम्प्यूटर के माध्यम से रिकॉर्ड रूम के अभिलेख उपलब्ध हो सकेंगे।
