जबलपुर (जयलोक)
कल पंचमी के दिन शहरभर में दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना हो जाएगी। हरदिन प्रतिमाओं की स्थापना का क्रम जारी है। लेकिन पंचमी तक सभी दुर्गा उत्सव समितयाँ प्रतिमाओं की स्थापना कर लेती हैं। पंचमी को प्रतिमाओं की स्थापना के पश्चात पूरे शहर में तीन दिनों तक शहर की सडक़ों पर दर्शनार्थियों का जनसैलाब उमड़ेगा। जबलपुर का दशहरा अब देश में अपना महत्वपूर्ण स्थान और पहचान बना चुका है। जबलपुर के दशहरा पर्व को देखने के लिए शहर के आसपास के क्षेत्र के दर्शनार्थी भी बड़ी संख्या में आते हैं। कई दुर्गाउत्सव समितियाँ आकर्षक झांकियाँ भी सजाती हैं। जिन्हें देखने जनसैलाब उमड़ता है और लंबी कतारें भी लगती हैं।
नवरात्र पर्व पर माँ जगदम्बा की भक्ति में संस्कारधानी सराबोर है। देवी मंदिरों में भक्तिगीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं। आज रविवार को नवरात्र की चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी में माँ के चौथे रुप कूष्मांडा का पूजन किया जाएगा। पंचमी तिथि को प्राय: अधिकांश स्थानों पर जगत जननी की प्रतिमाओं की स्थापना कर ली जाएगी, और इसी के साथ ही माँ के विविध रुपों के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का जनसैलाब सडक़ों पर दिखाई देगा। गढ़ा फाटक और पड़ाव की महारानी के रुप में प्रसिद्ध माता महाकाली के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। सुबह से ही पूजन अर्चन करने वालों का तांता लग जाता है जो देर रात तक जारी रहता है।
माँ कूष्मांडा का हो रहा पूजन
नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्मांडा का पूजन मंदिरों एवं घरों में किया जा रहा है। इस संबंध में पंडि़त ने बताया कि नवरात्रि पर भगवती कूष्मांडा के पूजन का विशेष महत्व होता है और उन्हें सृष्टि की उत्पत्ति का कारक भी माना गया है, इसलिये माता कूष्मांडा को कुम्हड़ा अवश्य भेंट करना चाहिए, साथ ही मालपुआ एवं खीर का भोग भी लगाने से आयु, यश, बल एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। भगवती कूष्मांडा अल्प सेवा से ही प्रसन्न हो जाती है।
माँ श्री शारदा दरबार में अखंड जोत की स्थापना
शारदेय नवरात्र के शुभारंभ पर मां श्री शारदा आशीष अखंड ज्योति कलश तथा खप्पर जवारे की स्थापना दरबार प्रांगण में की गई। सैकड़ों भक्तों के घट स्थापित कराऐ गए।
बगलामुखी मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश आस्था के केन्द्र
श्री बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ में शारदेय नवरात्र पर्व पर नित्यप्रति धार्मिक अनुष्ठान चल रहे है मां भगवती पीताम्बरा देवी का पूजन अर्चन एवं मां भगवती राजराजेश्वरी का विशेष पूजन किया जा रहा हैं। यहां मनोकामना अखण्ड ज्योति कलश आस्था व श्रद्धा का केन्द्र बने हुए है। सिद्धपीठ में बनी यज्ञशाला में 1001 भक्तों द्वारा अखण्ड ज्योति कलश मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रज्वलित की गई है। यज्ञशाला में विशेष पूजन अर्चन किया जा रहा है। वहीं मंदिर में मां बगुलामुखी की विशेष पूजा अर्चना ब्रम्हमचारी सुबुद्धानंद जी व ब्रम्हचारी चैतन्यानंद जी द्वारा की जा रही है। रात में प्रतिदिन महाआरती होती है। दिनभर मंदिर में भक्तों का मेला लगा रहता है। भक्तों से उपस्थिति की अपील प्रकाश द्विवेदी, मधु यादव, मनोज सेन आदि ने की है।
