Download Our App

Home » राजनीति » कांग्रेस अब संघम शरणम् गच्छामि क्यों ?, संघ राष्ट्रवादी है याद दिलाने गये थे-कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस अब संघम शरणम् गच्छामि क्यों ?, संघ राष्ट्रवादी है याद दिलाने गये थे-कांग्रेस अध्यक्ष

जबलपुर (जय लोक)। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष कल अपने साथियों के साथ संघ के पदाधिकारियों से मिलने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थानीय कार्यालय केशव कुटी गए थे। यह असमान्य इसलिए था क्योंकि कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आजादी के पहले से एक दूसरे के घोर विरोधी और पूरक रहे हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस केशव कुटी पहुँची और प्रार्थना पत्र सौंपा। इसके बाद से सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस छिड़ गई कि कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका में रण में होना चाहिए वह याचिका कैसे करने लगी और वह भी आरएसएस से।  यह सवाल भी चर्चा में उठने लगे कि कांग्रेस को संघम शरणम् गच्छाम् िहोने की क्या आवश्यकता पड़ गई? यह सवाल कल शाम से चर्चाओं में बना हुआ है और आज भी इसको लेकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अलग प्रतिक्रियाओं का दौर चलता रहा। मामला राजनीतिक गतिविधि से जुड़ा हुआ था तो उसने और तूल पकड़ लिया।
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय में यह याद दिलाने गए थे कि वह राष्ट्रवादी होने का दावा करते हैं। अब जब भाजपा के मंत्रियों द्वारा सार्वजनिक रूप से भारतीय सेना की महिला अधिकारियों से लेकर भारतीय सेना का भी अपमान किया जा रहा है तो फिर संघ आगे आकर इसका विरोध क्यों नहीं कर रहा? कांग्रेस के अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने प्रार्थना पत्र इसलिए दिया है कि वह याद दिला सके कि आरएसएस खुद को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी संगठन बताता है। अब ऐसी स्थिति में वह यह साबित करें कि वह सबसे बड़े राष्ट्रवादी हैं और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर दबाव बनाकर अनर्गल बयान देने वाले भाजपा के मंत्रियों को तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाएं। न्यायालय तक ने मंत्री के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के संकेत दे दिए हैं इसके बावजूद भी सरकार उसको बचाने में लगी हुई है।
मामला राजनीतिक चर्चा की रुचि का इसलिए बन गया क्योंकि मामला नगर कांग्रेस द्वारा आरएसएस कार्यालय में जाकर एक प्रार्थना पत्र सौंपने का है। विषय भारतीय सैन्य महिला अधिकारी और सेना के खिलाफ बद्जुबानीं करने वाले भाजपा के मंत्रियों को पद से हटने से जुड़ा हुआ है। यह बात भी सत्य है कि सबको इस बात का बड़ा आश्चर्य है कि भाजपा के मंत्रियों द्वारा इस प्रकार की बद्जुबानीं करने के बाद भी ना तो केंद्र के भाजपा के नेताओं ने नाही राज्य के भाजपा के नेताओं ने इसकी निंदा की है बल्कि  आरएसएस के उच्च पदाधिकारियों ने भी इस मामले में खुलकर कुछ नहीं कहा है।
शब्दों के फेर का मामला है इसलिए दोनों ही पक्ष अपने अपने तरीके से इस राजनीतिक घटनाक्रम को देख रहे हैं। प्रार्थना पत्र का उपयोग कांग्रेस और आरएसएस के बीच में पहली बार हुआ है। इसलिए इसके अपने अपने नजरिये से अपने-अपने मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस के ही कुछ लोगों का कहना है कि आजादी के पहले से कांग्रेस रण में रहती थी याचना नहीं करती थी। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस आरएसएस जोकि अपने गठन के बाद से ही कांग्रेस की कट्टर विरोधी रही है। अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान से ही कांग्रेस और आरएसएस ने विपरीत दिशाओं में काम किया है। भाजपा के कुछ लोग भी राजनीतिक घटना क्रम में आग में घी डालने और मजा लेने का काम करते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि अब कांग्रेस भी आखिरकार संघम शरणम् गच्छाम् िहो गई है और अपनी मांगों को मंनवाने के लिए उसे आरएसएस से प्रार्थना करनी पड़ रही है।
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा का कहना है कि आरएसएस के पदाधिकारी को प्रार्थना पत्र देने का आशय बहुत स्पष्ट है कि वह अपने आप को स्वयं भू राष्ट्रवादी सबसे बड़ा संगठन बताते हैं और आज जब भाजपा के नेता देश की सेना और अधिकारियों के खिलाफ अपमानित करने वाले बयान दे रहे हैं तो फिर आरएसएस चुप क्यों है और वह क्यों नहीं देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री पर दबाव बनाकर ऐसे भाजपा के मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने की मांग कर रही है। सौरभ शर्मा ने कहा कि अगर आरएसएस राष्ट्रवादी है तो इस बात का सबूत भी दे। आरएसएस के शीर्ष नेता मोहन भागवत ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस यह देखना चाहती है कि खुद को राष्ट्रवादी बताने वाला संघ इस मामले में क्या कदम उठाता है। बहरहाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा सिर्फ इसी बात की है की क्या कांग्रेस संघम शरणम् गच्छाम् िहो गई है या फिर कांग्रेस संघ को उसका राष्ट्रवाद याद दिलाने में सफल हो गई।

 

रोहिंग्याओं वाली अर्जी पर भडक़े सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देश के हालत समझें काल्पनिक मामलों से बचें

 

 

Jai Lok
Author: Jai Lok

RELATED LATEST NEWS

Home » राजनीति » कांग्रेस अब संघम शरणम् गच्छामि क्यों ?, संघ राष्ट्रवादी है याद दिलाने गये थे-कांग्रेस अध्यक्ष
best news portal development company in india

Top Headlines

शहर विकास के लिए महापौर अन्नू ने नगरीय प्रशासन आयुक्त से माँगी 4 अरब 60 करोड़ रुपये की राशि

मुख्यमंत्री प्रगति पथ’’ के लिए 26 करोड़ ,नवीन अग्नि शमन वाहनों के क्रय के लिए 12 करोड़ ,पर्यावरण संरक्षण के

Live Cricket