भोपाल (जयलोक)
विधानसभा चुनाव में राजधानी भोपाल की मध्य सीट से भाजपा प्रत्याशी रहे ध्रुव नारायण सिंह द्वारा कांग्रेस के वर्तमान विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की गई चुनावी याचिका को लेकर मसूद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। दायर याचिका में भाजपा नेता ध्रुव नारायण सिंह ने कॉग्रेस विधायक पर मसूद और उनकी पत्नी रुबीना के नाम पर लिये गये 65 लाख 38 हजार रुपए के लोन की जानकारी चुनाव आयोग से छिपाने की बात रखते हुए उनकी विधायकी खत्म करने की मांग की थी। अब जबलपुर हाईकोर्ट ने मसूद पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आरिफ मसूद पर चुनाव याचिका पर जारी हाईकोर्ट के पूर्व के निर्देश पर अमल नहीं करने का आरोप है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की प्रिंसिपल पीठ जबलपुर के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ में चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई। जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव-2023 के समय भोपाल मध्य से कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद ने विधानसभा चुनाव के नामांकन के दौरान हलफनामा में खुद के नाम से लिये गए 34 लाख 10 हजार और पत्नी रुबीना मसूद के नाम पर लिये गए 31 लाख 28 हजार यानि 65 लाख 38 हजार रुपए के लोन की जानकारी चुनाव आयोग से छिपाई है। इसी बिंदु को लेकर चुनाव में पराजित हुए बीजेपी कैडिंडेट ध्रुव नारायण सिंह ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर कर उनकी विधायकी खत्म करने की मांग की थी। इसके जवाब में आरिफ मसूद ने कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर आवेदन हाईकोर्ट में देते हुए ध्रुव नारायण की चुनावी याचिका को अनियमित एवं नियम के खिलाफ बताते हुए खारिज करने की अपील की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कांग्रेस विधायक की अपील याचिका को खारिज कर दिया। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच में चुनाव याचिका पर याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट अजय मिश्रा और पंखुड़ी विश्वकर्मा ने पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को लिखित वक्तव्य प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। एडवोकेट पंखुडी विश्वकर्मा ने न्यायमूर्ति के सामने दलील दी कि हाईकोर्ट द्वारा आरिफ को बयान देने लिए दिए गए समय में 120 दिन गुजर चुके हैं, उसके बाद भी अब तक उनकी ओर से बयान प्रस्तुत नहीं किया गया। जिस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल ने आरिफ मसूद को फटकार लगाते हुए 10 हजार का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने जुर्माना की 10 हजार की रकम एनजीओ बूंद के बैंक खाते में जमा करने कहा है। कोर्ट ने कहा है, कि अगर राशि जमा नहीं की गई तो लिखित वक्तव्य प्रस्तुत करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। आरिफ मसूद की चुनाव याचिका कोर्ट में जारी रहेगी, मसलन विधायकी पर खतरा बरकरार है। वहीं इस चुनाव याचिका पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।
