
भोपाल (जयलोक)। दल बदल करने के साथ सब कुछ बदल जाता है इस बात को सच साबित किया है कांग्रेस से भाजपा में गए दो संजय ने। अब यह दोनों ही संजय पूरी तरह से भाजपा में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में ढल चुके हैं और दोनों ने ही इस बार दशहरा पर्व पर संघ का गणवेश भी धारण किया और पथ संचलन में चले।
कांग्रेस के सबसे संपन्न विधायकों में अपनी पहचान रखने वाले जबलपुर जिले के समीपवर्ती कटनी के विजयराघगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय पाठक भारतीय जनता पार्टी में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री काल में शामिल हो गए थे। शिवराज सिंह चौहान ने खनन के बड़े कारोबारी संजय पाठक की खदानों पर छापेमारी की कार्यवाही करायीऔर उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया।
संजय पाठक ने कांग्रेस छोडऩे के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर विधानसभा के चुनाव लड़े और वे जीते भी। लेकिन अभी उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। संजय पाठक कई घोटालों में फंसे नजर आ रहे हैं। संजय पाठक की खदानों में अधिक खनन होने के कारण प्रदेश की मौजूदा डॉ मोहन यादव की सरकार ने संजय पाठक की फर्मों पर 440 करोड रुपए का जुर्माना लगाया हुआ है। वहीं संजय पाठक ने अपने चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर आदिवासियों की हजारों में एकड़ जमीन करोड़ों रुपए में खरीदी है। यह मामला भी चर्चा में है वहीं संजय पाठक द्वारा भोपाल,जबलपुर, कटनी आदि शहरों में सहारा समूह की जमीनें मिट्टीमोल दामों पर खरीदी है। यह भी जांच का विषय बना हुआ है। संजय पाठक उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सीधे फोन लगा दिया जिससे न्यायाधीश ने मामला सुनने से इनकार कर दिया। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रंग में पूरी तरह से रंगने वाले संजय पाठक को फिर भी किसी तरह की राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
वहीं एक और संजय इंदौर के हैं जो कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला के नाम से जाने जाते हैं। संजय शुक्ला ने भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार भी गए। लेकिन वह भी एक बड़े खनन कारोबारी और बड़े उद्योगपति हैं उनके ऊपर भी सरकार ने खनन के अवैध खनन को लेकर 110 करोड़ का जुर्माना लगाया हुआ है। कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस से भाजपा में गए संजय पाठक और संजय शुक्ला को यह उम्मीद थी कि वह भाजपा में जाकर गंगा की तरह पवित्र और साफ शुद्ध हो जाएंगे इसीलिए उन्होंने भाजपा के मात्र संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक बनने में भी कोई संकोच नहीं किया। लेकिन संघ के दोनों संजय अभी तो घिरे नजर आ रहे हैं।
मौलाना तौकीर रजा के पाँच सहयोगियों को 1.25 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी
Author: Jai Lok







