
ओमती पुलिस के मामले में नहीं मिल पा रही जमानत
जबलपुर (जय लोक) 24 मार्च को जबलपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा था जिसने चौपहिया वाहनों के मामले में धोखाधड़ी का बिल्कुल नया तरीका अपनाया और इसी के नाम पर करोड़ों रुपए के वाहनों को खुर्दबुर्द करने का प्रयास किया। इस मामले का मुख्य ईनामी आरोपी अरुण मसीह फरार चल रहा था जिसे विगत दिनों ही पुलिस ने पकड़ा और न्यायालय के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया था। अरुण मसीह की पुलिस रिमांड आज समाप्त हो गई और उसे जेल भेज दिया गया। रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में मुख्य आरोपी ने कई बातें पुलिस के समक्ष रखी जिसकी पुलिस तस्दीक कर रही है। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने पहले किराए के मकान में रहते हुए टास्क कंपनी के नाम से यह धोखाधड़ी का कारोबार शुरू किया था। इसके सहित वह नए लोगों को प्राइवेट कंपनियों में अच्छे किराए पर नए वाहन लगाने का लालच देता था। इसके बाद नए-नए लोगों के नाम पर नए-नए चौपहिया वाहन फाइनेंस करवाए जाते थे, फिर कंपनी में लगाने के नाम पर उन्हें ले लिया जाता था। एक या दो महीने तक किराए की राशि देने के बाद इन नए वाहनों को किसी अन्य व्यक्ति को सस्ते में बेचने का लालच देकर धोखा देते हुए बेच दिया जाता था।
पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी ने यह बात भी कबूल की है कि किराए के मकान में शुरू हुआ यह अवैध धोखाधड़ी करने का कारोबार आगे बढ़ता गया और उसने आगे चलकर गोरा बाजार, रांझी और घमापुर में भी अपने कार्यालय खोल लिए। इन कार्यालय के माध्यम से भी कई लोगों को बेवकूफ बनाकर धोखाधड़ी करने का कार्य किया गया।
इस कार्रवाई में जबलपुर जिले के तीन चार थानों में एफआईआर दर्ज हुई। इन थानों में ओमती थाना, हनुमानताल थाना, गोराबाजार थाना, कैंट थाना शामिल है। इस मामले में ओमती पुलिस ने पीयूष नायडू, अरुण मसीह, रेशु मसीह, पंकज खत्री एवं नवीन खत्री को आरोपी बनाया। अरुण मसीह और रेशु मसीह पिता पुत्र है। रेशु मसीह अभी भी फरार चल रहा है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
आरोपियों के कब्जे से ओमती पुलिस ने पहले आठ वाहन बरामद किए थे उसके बाद जब जाँच आगे बढ़ी और अन्य लोगों की संलिप्तता उजागर होती गई तो और वाहन भी बरामद किए गए। कल 12 चौपहिया वाहन ओमती थाने में बरामद हुए। इसके अलावा चार वाहन हनुमान ताल थाने में दो वाहन गोरा बाजार और दो वाहन कैंट थाना क्षेत्र के अंतर्गत भी बरामद हुए हैं।
इस मामले में ओमती पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही में धारा 420 ,406 ,409 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों के खिलाफ इस फिर में उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पा रही है। वहीं हनुमानताल, गोरा बाजार और कैंट थाने में आरोपियों के खिलाफ 420 और 406 के तहत ही मामला दर्ज किया गया था।
बड़े नाम के लोगों को भी बेच वाहन
जाँच के दौरान पुलिस के समक्ष यह बात भी खुलकर सामने आई थी कि इस गिरोह के लोग बड़े नाम वाले व्यक्तियों के संपर्क में भी थे और इन धोखाधड़ी के वाहनों को सस्ते दाम पर बेचने का लालच देकर उन्हें भी वाहन बेचे गए थे इनमें जबलपुर के भी कुछ बड़े नाम शामिल है और आसपास के नरसिंहपुर वह अन्य जिलों के नाम भी शामिल है।
वायरल ऑडियो की चर्चा
अरुण मसीहके पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया। इसी बीच एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें यह चोर गिरोह के सदस्य आपस में बात कर रहे हैं और कुछ पुलिस वालों की तरफ इशारा कर रहे हैं। लेकिन पूरे ऑडियो में स्पष्ट रूप से किसी का नाम लेकर बात नहीं की गई इस वजह से केवल कयास लगाए जा रहे है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी इस ऑडियो के संबंध में अधिकृत रूप से कुछ नहीं कहना चाहते क्योंकि इसकी प्रामाणिकता को लेकर भी अलग-अलग प्रकार की बातें चल रही है।
बुलेट चोर गिरोह के चार सदस्य भी अभी तक जेल में
ओमती पुलिस ने फरवरी माह में कम पढ़े-लिखे लोगों के नाम पर दो पहिया वाहन फाइनेंस करा कर बेचने वाले गिरोह के चार सदस्यों को भी पड़ा था इस मामले में गुलफाम, अली हैदर, गफूर, एहफाज खान, आशुतोष झा को गिरफ्तार किया गया था यह लोग भी अभी तक जेल में है।

Author: Jai Lok







