जबलपुर (जयलोक)। घाट फेस्टिवल में आयोजकों द्वारा देश के वरिष्ठ कलाकारों को समय पर भुगतान ना किए जाने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने के कारण पीयूष मिश्रा और सुनील ग्रोवर जैसे कलाकारों ने शो निरस्त कर दिया। जिसके बाद आयोजक सिने क्राफ्ट इंटरटेनमेंट के संचालक राहुल मिश्रा और उसके डायरेक्टर आदित्य श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। आयोजकों ने इतनी बुरी स्थिति निर्मित की कि एसडीएम को जाँच के दौरान पता चला कि आयोजकों ने लाइट और साउंड सिस्टम के साथ ही अन्य वेंडरों को भी पैसे नहीं दिए थे। जिसके कारण सभी ने एन वक्त पर मुख्य आयोजन के पहले ही कार्यक्रम में प्रस्तुति देने से इंकार कर दिया। आयोजकों ने शासन के नाम पर लाखों रूपये की टिकिट बेची, टिकिट बेचने के लिए ऑन लाइन बुकिंग से लेकर काउंटरों और अन्य माध्यमों का भी सहारा लिया गया। एक माहौल ऐसा बना कि टिकिटों की कालाबाजारी का दौर भी आ गया। अब आयोजक राहुल मिश्रा पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। आयोजक की इस घटिया हरकत से पूरी संस्कारधानी का नाम भी खराब हुआ और छवि धूमिल हुई है। थाना प्रभारी पूर्वा चौरसिया का कहना है कि राहुल मिश्रा से पूछताछ में पता चला है कि उसने अभिनेताओं को आधा पैसा ही दिया था। उसकी यह योजना थी कि वह सुनील ग्रोवर और पीयूष मिश्रा को आधा पैसा ही देगा। कार्यक्रम पूरा होने के बाद जो टिकिटें बिकी थी उसका पूरा पैसा वह रख लेगा।
कांग्रेस ने सरकारी विभागों पर लगाए गंभीर आरोप
घाट फेस्टिवल के आयोजन का सत्यानाश हो जाने और हजारों लोगों के पैसे डूब जाने के बाद कांगे्रस इस पूरे आयोजन को लेकर आक्रामक रूप से आरोप लगा रही है। कांगे्रस के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा है कि आयोजक राहुल मिश्रा और उसके साथियों ने शासकीय विभागों के नाम की आड़ लेकर लाखों रूपये हड़प लिए हैं। कांगे्रस ने इस आयोजन के लिए दी गई हर प्रशासनिक अनुमतियों की जाँच करने एवं एमपीटी के नाम का उपयोग करने की जाँच की माँग की है। कांगे्रस ने अपने पत्र में कहा है कि घाट फेस्टिवल की प्रचार प्रसार सामग्री में एमपीटीसी का उल्लेख कर इसका प्रचार किया जा रहा था। यहां तक कि वेबसाइड पर भी शासकीय विभागों का नाम लेकर प्रचार किया जा रहा था। कांगे्रस का कहना है कि आयोजकों ने शासकीय विभागों के साथ मिलकर करोड़ों रूपये एकत्रित किए हैं और आयोजकों के पास इसका हिसाब किताब उपलब्ध होगा।
10 से 20 लाख में बेचे गए स्टॉल
शिकायत पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि आयोजकों ने पाँच दिन के कार्यक्रम के लिए घाट फेस्टिवल में लगने वाले खानपान एवं अन्य स्टॉलों को 10 लाख से लेकर 20 लाख रूपये तक में विक्रय किया। कार्यक्रम सिर्फ एक ही दिन आयोजित हो पाया एवं आयोजकों की लापरवाही से चार दिन के कार्यक्रम निरस्त हो गए। जिसके बाद आयोजकों पर चार दिन की राशि हड़प लेने के आरोप लगे हैं।
सलमान खान और मीका सिंह के नाम पर भी कर चुका है फर्जीवाड़ा
शिकायत पत्र में यह कहा गया कि सिने क्रॉफ्ट इंटरटेनमेंट के मालिक राहुल मिश्रा के द्वारा पूर्व में भी संस्कारधानी के लोगों को सलमान खान एवं मीका सिंह जैसे बड़े कलाकारों के नाम पर कार्यक्रम करने और उसकी टिकिट बेचने के माध्यम से ठगा जा चुका है। इन कृत्यों को लेकर उसके खिलाफ पूर्व में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। इसके बावजूद भी ऐसी आर्थिक अपराधिक छवि वाले व्यक्ति को इतना बड़ा आयोजन कैसे करने दिया गया। सरकारी विभागों ने आयोजन का प्रचार प्रसार क्यों किया।
कैसे वापस होंगे पैसे
अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह सवाल उठ रहा है कि हजारों लोगों के साथ करोड़ों रूपयों की राशि की जो धोखाधड़ी हो गई है उसे कैसे सुधारा जाएगा और उनके पैसे कैसे वापस होंगे। जिसकी जवाबदारी प्रशासन की है।
अगर किसी ने अनुमति नहीं दी तो कैसे आयोजित हुआ इतना बड़ा आयोजन
घाट फेस्टिवल के आयोजन में हुई धोखाधड़ी के बाद अब हर प्रशासनिक अधिकारी यह कह रहा है कि आयोजकों ने प्रशासनिक अनुमतियां नहीं ली थीं। तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि सबसे पहले तो इस बात की जाँच होनी चाहिए कि आयोजकों के पास आयोजन की कौन सी अनुमतियाँ थीं और कौन सी अनुमतियाँ नहीं थी। अगर इनके पास अनुमतियाँ नहीं थी तो पुलिस और जिला प्रशासन ने इन्हें हजारों की संख्या में एकत्रित होने वाली भीड़ का आयोजन कैसे करने दिया।
54 लाख में किया लाईट एंड साउंड, बकाया राशि का थमाया फर्जी स्क्रीन शॉट
कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने अपनी लिखित शिकायत में इस बात का उल्लेख किया है कि घाट फेस्टिवल के आयोजकों द्वारा हरदिया साउंड एंड लाइट प्राईवेट लिमिटेड कंपनी को इस पाँच दिवसीय आयोजन के लिए 54 लाख रूपये का काम दिया गया था। जिसमें से केवल चार लाख रूपये का भुगतान किया गया। शेष बाकी की राशि का फर्जी स्क्रीन शॉट भेज दिया गया। कांगे्रस नगर अध्यक्ष ने इस पूरे प्रकरण की भी जाँच की माँग की है।
घाट महोत्सव में नहीं है एमपीटी की कोई आर्थिक भूमिका
मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग की ओर से जारी बयान में यह बात स्पष्ट रूप से कह दी गई है कि 23 जनवरी को जबलपुर में घाट महोत्सव में हुई अनियमिताओं में एमपीटी की कोई भूमिका नहीं है। आयोजन को एमपीटी के द्वारा कोई भी किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं उपलब्ध कराया गया है। कार्यक्रम के आयोजन उसके अतिथियों और अन्य सभी व्यवस्थाएं आयोजकों द्वारा ही की गई थी। एमपीटी ने सिर्फ प्रशासनिक अनुमतियों के प्रति मध्यस्थता की थी। टिकट वितरण से लेकर अतिथियों को दिए जाने वाले मानदेय व अन्य किसी भी भुगतान का निर्णय आयोजन समिति ही कर रही थी।
