जबलपुर (जयलोक)।
भारतीय जनता पार्टी के संगठन के चुनावों की शुरुआत हो चुकी है। अभी बूथ समिति के चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव 20 नवंबर तक हो जायेंगे। इसके बाद शक्ति केंद्र और मंडलों के चुनाव होने जा रहे हैं। सारे चुनाव के बाद भाजपा के नगर अध्यक्ष का चुनाव होगा। वर्तमान में जबलपुर में जो राजनैतिक परिस्थितियाँ नजर आ रही हैं उसको ध्यान में रखते हुए राजनैतिक गलियारों और जानकारों के बीच एक ही सवाल बार-बार उठ रहा है कि भाजपा का नया नगर अध्यक्ष किस गुट का होगा। भाजपा के अंदर तथाकथित गुटबाजी की हवा उठाने वाले ही इस सवाल को सब जगह खड़ा कर रहे हैं। कुछ नाम है जो चर्चा में है और नये वर्ष की शुरुआत में 15 जनवरी तक नगर अध्यक्ष का चुनाव हो जायेगा। इस तरह नये वर्ष में भाजपा को नया नगर अध्यक्ष मिल जायेगा। भाजपा अध्यक्ष की दौड़ में कई दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में आ रहे हैं। कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि वर्तमान नगर अध्यक्ष प्रभात साहू को अभी डेढ़ साल का कार्यकाल ही हुआ है और ऐसी स्थिति में उन्हें ही नगर अध्यक्ष बने रहने दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जातिगत समीकरण के आधार पर संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि बहुत से लोग नये नगर अध्यक्ष और नए सिरे से पूरी कार्यकारिणी के गठन की मांग वरिष्ठ नेताओं तक पहुँच चुकी है। इसके पीछे भी लॉबी के दांव-पेंच की चर्चा सरगर्म है।
इन नामों की चर्चा अधिक
नगर भाजपा अध्यक्ष के लिए कुछ एक नाम अधिक चर्चाओं में हैं जिनमें वर्तमान नगर संगठन के महामंत्री पंकज दुबे, रजनीश यादव के साथ ही पूर्व महापौर संगठन के कार्यों में बड़ी जिम्मेदारियां का अनुभव रखने वाले सदानंद गोडबोले, नंदकुमार यादव, श्री राम शुक्ला, कमलेश अग्रवाल, पूर्व उपाध्यक्ष महामंत्री रह चुके संदीप जैन के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। यह बात भी बहुत अधिक चर्चाओं में है कि नगर अध्यक्ष का चयन आसान बात नहीं है क्योंकि भाजपा के अंदर कद्दावर नेताओं के बीच में मची खींचतान इस निर्णय को आसानी से नहीं होने देगी।
जातिगत समीकरण भी बैठाना पड़ेंगे
पिछले डेढ़ दशक से भारतीय जनता पार्टी के भीतर भी जातिगत समीकरण बैठाने का फार्मूला बहुत तेजी से लागू हुआ है। बात चाहे मतदान के चुनाव की हो या संगठन कार्यों की पदस्थापना की जातिगत समीकरण को नजरअंदाज किया जाता है। वर्तमान में ब्राह्मण ठाकुर समाज से आने वाले भाजपा नेताओं को बड़े बड़े स्थान प्राप्त हैं। ऐसी स्थिति में ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न जातियों में से किसी एक व्यक्ति का चयन होने की संभावना अधिक बताई जा रही है।
खींचतान के कारण ही नहीं बन पाई कार्यकारिणी
अध्यक्ष पद का चयन करना कितना कठिन साबित हो सकता है इस बात का अंदाजा राजनीतिक जानकार इसी बात से लगाते हैं कि वर्तमान में नगर अध्यक्ष की कमान संभाल रहे प्रभात साहू को उनकी कार्यकारिणी बनाने में भी काफी अंदरुनी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
वरिष्ठ नेताओं के बीच मची खींचतान के कारण पुराने नगर अध्यक्ष के समय से चली आ रही नियुक्तियां ही वर्तमान में बनी हुई है। भाजपा के अन्य नेताओं को नई जिम्मेदारी प्राप्त करने का अवसर ही नहीं मिल पाया है।
विनोद मिश्रा-आशीष दुबे को मिले थे दो कार्यकाल
संगठन चुनाव की चर्चाओं के बीच में यह बात भी चर्चित है कि भाजपा नगर अध्यक्ष रहे पं विनोद मिश्रा और वर्तमान सांसद तत्कालीन भाजपा ग्रामीण के अध्यक्ष पं. आशीष दुबे जब जिला अध्यक्ष की कमान संभाल रहे थे तब सामने आई परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए वरिष्ठ नेताओं और संगठन ने यह निर्णय किया था कि इन दोनों ही नगर और ग्रामीण के अध्यक्षों को एक और कार्यकाल कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाए। इसी बात को आधार बनाकर इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यही समीकरण इस बार भी निर्मित हो सकते हैं और ग्रामीण के तो नहीं लेकिन मौजूदा नगर अध्यक्ष को काफी कम समय का कार्यकाल प्राप्त हुआ है और उन्हें अगले कार्यकाल की जिम्मेदारी देकर पूरी तरह से कार्यकारिणी बनाकर पार्टी को मजबूत करने और सक्रियता बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंप दी जाए। हालांकि प्रभात साहू बहुत ही मुखर नेता है, अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और जरूरत पडऩे पर गलत को गलत कहने की हिम्मत भी रखते हुए आगे खड़े नजर आते हैं। वर्तमान समीकरण को देखते हुए इस बात की भी चर्चा अधिक है कि कई वरिष्ठ नेताओं और नगर संगठन के बीच का तालमेल थोड़ा बिगड़ा चल रहा है। कुछ वरिष्ठ नेता इस बात पर जोर लगा रहे हैं कि उनके खेमे का व्यक्ति इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी उठाएं ताकि इसका लाभ उन्हें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मिल सके।
इस बात की संभावना अधिक है कि नया नगर भाजपा अध्यक्ष संंघ की पसंद का होगा या फिर संघ की पृष्ठभूमि वाला होगा। नये भाजपा अध्यक्ष के लिए पूर्व महापौर सदानंद गोड़बोले का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। गोड़बोले संघ के समर्पित स्वयंसेवक हैं। इन्हें संगठन के कामों का लंबा अनुभव है। चुनावी रणनीति बनाने में महारत हासिल रखने वाले गोड़बोले इन दिनों भाजपा संगठन के चुनाव की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं। इनके नाम पर नगर भाजपा अध्यक्ष के लिए गंभीरता से विचार होगा ऐसा माना जा रहा है।
