
जबलपुर (जयलोक)। इन दिनों आवारा कुत्तों को लेकर जहां एक ओर पशु प्रेमी कुत्तों को आश्रय स्थल भेजे जाने का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी ओर आवारा कुत्ते लगातार बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व जहां भोपाल में कुत्तों के झुंड ने एक बच्ची पर हमला कर उसे लहुलुहान कर दिया था तो वहीं अब शहर में भी ऐसी ही घटना सामने आई है। जिसमें कुत्तों के झुंड ने 6 साल की एक बच्ची पर हमला किया और उसे बुरी तरह नोंच नोंचकर लहुलुहान कर दिया। इस हादसे के बाद लोगों का गुस्सा आवारा कुत्तों के प्रति और बढ़ गया है। तो दूसरी ओर इस मामले में प्रतिक्रया देने कोई भी डॉग्स लवर सामने नहीं आ रहा है। जिन्हें आवारा कुत्तों से तो प्रेम है लेकिन उन मासूमों से नहीं जो इनका शिकार बन रहें हैं।
घटना आज सुबह तकरीबन 7 बजे की है, जब पाटन के साहू कॉलोनी में रहने वाली 6 साल की मासूम कविता किराना दुकान कुछ सामान लेने गई थी और जब वह वापस आ रही थी इस दौरान आवारा कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। तकरीबन 2 से 3 मिनट तक श्वान बच्ची को नोचते रहे और वह चिल्लाती रही, इस दौरान वहां से गुजर रहे राहगीरों की जब बच्ची पर नजर पड़ी तो उन्होंने पत्थर मारकर स्ट्रीट डॉग्स को वहां से भगाया, इसके बाद भी एक आवारा कुत्ता पीछा करते हुए घर तक पहुँच गया। किसी तरह बच्ची को कुत्तों के झुड से छुड़ाया गया और उसे लहुलुहान हालत में पाटन स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां बच्ची का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। 6 साल की मासूम को सिर, पैर, हाथ, कंधे सहित पांच से छह जगह कुत्तों ने हमला कर उसे काटा है। घटना के बाद से बच्ची इस कदर सहमी हुई है, कि उसके मुंह से आवाज भी नहीं निकल पा रही है।

डिंडोरी का रहने वाला है परिवार
पीडि़त बच्ची और उसके माता पिता डिंडौरी जिले के रहने वाले हैं। जो करीब 6 माह पूर्व ही मजदूरी करने शहर आए थे। मकान मालिक धनीराम ने बताया कि बच्ची पर हमला करने वाला एक श्वान पीछा करते हुए घर के अंदर तक घुस आया था, जिसे कि हम लोगों ने भगाया, अगर बच्ची पर सही समय पर नजर नहीं पड़ती तो निश्चित रूप से उसकी जान भी जा सकती थी। बच्ची के पिता नागपुर में मजदूरी करते हैं जिसे इस घटना की जानकारी दी गई है। पाटन स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत गंभीर है और यहां पर इलाज करने के लिए, उसे पहले बेहोश करना होगा लेकिन यह सुविधा स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है।
बच्ची का प्राथमिक उपचार कर उसे जबलपुर भेजा जा रहा है।
पशु प्रेमियों का मुंह बंद
पशु प्रेमी कुत्तों को आश्रय स्थल भेजे जाने को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
कुछ दिनों पूर्व शहर में एक महिला आवारा कुत्तों के लिए कई लोगों से भिड़ गई और जोर जोर से चिल्लाते हुए आवारा कुत्तों के समर्थन में आवाज उठाने लगी। लेकिन अब ऐसे लोग मासूम बच्ची के साथ हुई इस घटना को लेकर मुँह बंद करके बैठे हैं। जिन्हें आवारा कुत्तों से तो मोह है लेकिन उन मासूमों से नहीं जो इनका शिकार बन रहे हैं।

Author: Jai Lok







