
जबलपुर (जयलोक)। मध्य प्रदेश में बकरीद पर खुले में कुर्बानी को लेकर छिड़े विवाद के बीच मप्र वक्फ बोर्ड ने कुर्बानी के लिए एडवाइजरी जारी की है। बोर्ड ने सात बिंदुओं पर आधारित इस एडवाइजरी में साफ-सफाई, सरकारी नियमों का पालन और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो न डालने की अपील की है। मप्र वक्फ बोर्ड के अनुसार, प्रदेश में मस्जिदें, कब्रिस्तान, दरगाह, ईदगाह, करबला, मदरसे और स्कूलों के रूप में लगभग 15 हजार वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं। ईद-उल-अज्हा, इस्लाम के सबसे खास त्योहारों में से एक है। इस अवसर पर बोर्ड ने अपने अधीनस्थ सभी वक्फ मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, बोर्ड ने निर्देश दिया कि ईद की नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर में ही अदा करें।

कुर्बानी पर नियमों का पालन अनिवार्य
वक्फ बोर्ड ने अपने अधीनस्थ मुतवल्लियों और समितियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि कुर्बानी निर्धारित स्थान पर ही की जाए और उसमें सरकारी कानूनों का पूरी तरह पालन हो। जिसमें कुर्बानी की जगह चारों ओर से बंद हो, साफ सफाई का पूरा ध्यान दिया जाए, निषिद्ध जानवरों की कुर्बानी पर पूर्ण रोक, कुर्बानी का कोई वीडियो या ऑडियो न बनाएं और शेयर न करने के आदेश दिए गए हैं।
धर्म और सफाई दोनों जिम्मेदारी
बोर्ड ने कहा है कि धार्मिक कार्यों में नागरिकों को अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए सफाई, दवाई छिडक़ाव और अवशेषों के सही निष्पादन का पालन करना चाहिए। जानवर की अनुपयोगी चीजें नगर निगम के निर्धारित कंटेनर में डालें, कुर्बानी का स्थान टीनशेड या दीवारों से ढका हो, नमाज ईदगाह या मस्जिद परिसर तक सीमित हो।

सोशल मीडिया पर कंटेंट साझा करने पर सख्ती
वक्फ बोर्ड ने कहा है कि कुर्बानी से संबंधित कोई भी वीडियो या ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर न डाली जाए। इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
जिला प्रशासन को कड़ी भूमिका में रहने के निर्देश
राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और दंडाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराएं और जनजागरूकता अभियान भी चलाएं।
इस बार बकरीद कल
इस्लामिक कैलेंडर पूरी तरह चांद की स्थिति पर आधारित होता है, इसलिए हर वर्ष बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की तारीख में बदलाव होता है। यह पर्व तब मनाया जाता है जब जिल-हिज्जा माह का चांद दिखाई देता है। इस बार सऊदी अरब में 27 मई को चांद नजर आया, जिसके आधार पर वहां 6 जून को बकरीद मनाने की घोषणा की गई। भारत में चांद एक दिन बाद दिखा, जिस कारण यहां बकरीद 7 जून, शनिवार को मनाई जाएगी। यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने जिल-हिज्जा की 10वीं तारीख को आता है और इस दिन को हज यात्रा का अंतिम और सबसे पवित्र दिन माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लिए यह दिन त्याग और बलिदान का प्रतीक है, जो पैगंबर इब्राहीम की आस्था और समर्पण की याद दिलाता है।
शहर में लगा बकरों का बाजार, 10 हजार से 1 लाख तक में बिक रहे बकरे
बकरीद को लेकर शहर में बकरों का बाजार लगा है। यहां दस हजार से लेकर एक लाख रूपये तक के बकरे मौजूद हैं। बाजारों में बकरों को बेचने के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित अन्य जगहों से दुकानदार यहां अपने बकरे लेकर पहँुचे हैं।

Author: Jai Lok
