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गजानन को विदा करने जमकर बरसे मेघा…..निगमायुक्त के निर्देश पर हुई वाटरप प्रूफ पंडाल की व्यवस्था

अगले बरस तू जल्दी आ… के जयकारों के साथ दी जा रही विदाई

जबलपुर (जयलोक)।
जबलपुर (जयलोक)। दस दिवसीय गणेश उत्सव का आज समापन हो रहा है। हजारों की संख्या में घरों और पंडालों में विराजे श्री गणेश भगवान को आज विदाई दी जा रही है। इस ही कर्म में मानो मेगा भी जमकर बरस रहे है और श्री गणेश को विदा दे रहे है। पूरे शहर में धूमधाम से गणेश विसर्जन के कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं। हालाकि बारिश के कारण बहुत से आयोजनों में परेशानी भी उत्पन्न हुई। कई स्थानों पर पंडाल मासूम के मार के कारण प्रभावित भी हुए।
लेकिन आज सुबह से ही गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे चारों ओर सुनाई दे रहे हैं। आज अनंत चौदस पर गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। इस दौरान सुबह से ही बारिश मेहरबान है और भगवान गणेश को विदा करने सुबह से ही रूक-रूकर बारिश हो रही है। पर्व समापन की पूर्व संध्या पर शाम ढलते ही जनसैलाब सडक़ों पर गणपति के दर्शन करने निकला, भोर होने तक शहर की सडकों पर श्रद्धालुओं की चहल पहल बनी रही। जगह-जगह हवन पूजन भंडारे के आयोजन किए गए, सुबह से शुरु हुए भंडारे देर रात तक चलते रहे। गणपति विसर्जन का मुख्य जुलूस परंपरा अनुसार आज शाम 6 बजे नगर निगम चौराहे से प्रारम्भ होकर परम्परागत मार्गों से होते हुये हनुमानताल पहुंचेगा। वहीं उपनगरीय क्षेत्र रांझी, गढ़ा सदर और अधारताल से भी जूलस निकाले जायेंगे। इन चल समारोह के लिए शहर में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जुलूस मार्ग और विसर्जन स्थलों में कार्यपालिक मजिस्ट्रेटों के साथ पुलिस अधिकारियों और जवानों की डयूटी लगाई गई हैं।
सुबह से छाए बादलों से देर रात झमाझम बारिश
कल सुबह से छाए बादलों ने शाम को झमाझम बारिश की झड़ी लगा दी। वहीं कुछ देर रूकने के बाद फिर रात में झमाझम बारिश हुई। जिसमें महज रात में ही चार इंच बारिश से शहर पानी पानी हो गया। शहर के कई इलाके जलमग्र नजर आए। छत्तीसगढ़ से आये चक्रवात के कारण मंगलवार को दिनभर बादल छाये रहे और शाम को झमाझम बारिश हुई। सोमवार को सुबह से मौसम खुला रहा आसमान पर बदली छायी रही। जिससे एक बार फिर तापमान औसत से ऊपर निकल गया और दिन में गर्मी व उमस का एहसास हुआ। शाम को 5 बजे के आसपास हल्की बारिश का दौर शुरू हुआ, कुछ देर में झमाझम बारिश होने लगी। काफी देर तक तेज बारिश होने से लोगों को उमस भरी गमीज़् से राहत मिली। वहीं गणेश उत्सव में हवन पूजन और भंडारे के आयोजन प्रभावित हुए। मौसम विभाग का कहना है कि छत्तीसगढ़ से आया चक्रवात का असर पूर्वी मध्यप्रदेश में बना हुआ है जबलपुर सहित मंडला, बालाघाट, सिवनी, सतना, मैहर, रीवा, कटनी में बारिश का माहौल बन गया है।
जोरदार वर्षा की संभावना
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानसून अभी बना हुआ है लेकिन हवा के कम दबाव का क्षेत्र तेजी से बन रहा है। जिससे जोरदार वर्षा की संभावना बन रही है। मंगलवार की शाम बारिश होने के बाद मौसम में उमस बनी रही मौसम के मिजाज से लोग हैरान हैं। मौसम कार्यालय ने प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान नगर का अधिकतम तापमान 30.08 डिग्री सेल्सियस सामान्य रहा, न्यूनतम तापमान 21.5 डिग्री सामान्य दर्ज किया गया। 1 जून से अब तक कुल वर्षा 57.6 इंच दर्ज की जा चुकी है। उत्तर-पश्चिमी हवाएं 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। अगले 24 घंटों के दौरान संभाग के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ पानी की बौछारें पड़ सकतीं हैं।
निगमायुक्त के निर्देश पर हुई वाटरप प्रूफ पंडाल की व्यवस्था
कल शाम से ही तेज बारिश का दौर शुरू हो गया था। मौसम विभाग ने भी स्पष्ट चेतावनी दी थी कि अगले 48 घंटे तक ऐसी ही तेज बारिश का  क्रम जारी रहेगा। किसी के मध्य नजर नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव ने विसर्जन कुंड के समीप वाटरप्रूफ पंडाल बनाने के निर्देश पहले ही दे दिए थे। ताकि विसर्जन के लिए पहुंचने वाले  लोगों के लिए तेज बारिश से बचने का इंतजाम वहां पर बना रहे। हालांकि तेज बारिश के कारण गणेश विसर्जन के जुलूस एवं विसर्जन कार्य में विभिन्न प्रकार की   बाधाएंसामने आई हैं। जिसका लोगों ने निगम प्रशासन के साथ मिलकर अपने स्तर पर निराकरण भी किया है। सुबह से ही विसर्जन कुंड में बड़ी से लेकर छोटी प्रतिमाओं का आने का कर्मचारी था। सुरक्षा की दृष्टि से भी यहां पर इंतजाम किए गए थे।
गणपति पंडालों में पर्व समापन की पूव संध्या से ही भारी भीड़ देखने को मिली। भगवान गणेश के दर्शन करने श्रद्धालु कल बड़ी संख्या में सडक़ों पर उतरे। पिछले 10 दिनों से ही शहर में रखी सैकड़ों प्रतिमाओं में पूजन अर्चन का दौर चलता रहा। कहीं भजन कीर्तन तो कही रात्रि जागरण का आयोजन पंडालों में किया गया। हर वर्ष गणेश विसर्जन के पूर्व पंचके लगने के कारण कई पंडालों में हवन पूजन दो दिन पहले ही हो जाता है और मूर्ति का पटा विसर्जन (प्रतिमा को खिसका कर) कर दिया जाता है। बहुत सारी प्रतिमाएं मंगलवार और बुधवार को विसर्जित की जाएंगी। गणेश उत्सव का मुख्य चल समारोह मंगलवार को नगर निगम चौराहे से प्रारंभ होगा। इसके बाद ये चल समारोह मालवीय चौक, सुपर मार्केट, गंजीपुरा, लार्डगंज, बड़ा फुहारा, कमानिया, सराफा, कोतवाली, मिलौनीगंज और घोड़ा नक्कास से होते हुए हनुमानताल पहुंचेगा। वहीं उपनरीय क्षेत्रों में रांझी में बड़ा पत्थर से चल समारोह प्रारंभ होगा जो दर्शन तिराहा, व्हीकल मोड़ से होता हुआ गोकलपुर तालाब पहुंचेगा। वहीं अधारताल में चल समारोह कंचनपुर से अधारताल तालाब पहुंचेगा। केन्ट क्षेत्र में काली मंदिर से प्रारंभ होकर टीआई क्रासिंग, गणेश चौक गली नंबर होते हुए वापस काली मंदिर गुरूद्वारा तक चल समारोह निकाला जाएगा।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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