जबलपुर (जयलोक)। एक ओर जहां गुरूवार को मजदूर दिवस मनाया गया, जगह जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं दूसरी ओर नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपनी माँगों को लेकर जद्दोजहत करते दिखे। माँगे पूरी ना होने पर सफाई कर्मचारियों ने धरना दिया। इस धरना प्रदर्शन में उनका साथ पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने दिया। जो सफाई कर्मचारियों के साथ उनकी आवाज बनकर धरना स्थल पर डटे रहे।
मजदूर दिवस के दिन मजदूरों के कई रंग देखने को मिले। एक ओर जहाँ 40 से 50 हजार मासिक आय वाले शासकीय कर्मचारी खुद को मजदूर बताकर अपनी माँगों के लिए आवाज उठा रहे थे। तो वहीं दूसरी ओर तपती दोपहरी में मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज इन मजदूरों पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा था। ऐसा ही गांधी भवन मेेंं देखने को मिला। जहां नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की मांगें कई दिनों से लंबित हैं। लेकिन अब तक उनकी माँगों पर नगर निगम के किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया। मजबूरन सफाई कर्मचारियों ने धरना देकर अपनी आवाज नगर निगम के अधिकारियों के कानों तक पहुँचाने की कोशिश की। ऐसे में उनका साथ पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने दिया। जो भीषण गर्मी में भी सफाई कर्मचारियों के साथ धरना स्थल पर डटे रहे। श्री सक्सेना ने कहा कि नगर निगम के अधीन कार्यरत सफाई कामगारों को लंबे समय से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यूनियन द्वारा लगातार शिकायतों के बावजूद इन बिंदुओं पर कोई स्थायी कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने सफाई कर्मचारियों की समस्या पर बात करते हुए कहा कि सफाई कर्मियों से तय समय से ज्यादा का काम लिया जा रहा है। बिना अवकाश के सफाई कर्मचारी अपने परिवार का पेट भरने के लिए हर तरह की तानाशाही सहन कर रहे हैं। लेकिन अब यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि वे सफाई कर्मियों के साथ हैं। उनकी माँगों को लेकर मजदूर दिवस पर धरना दिया गया है अगर इसके बाद भी उनकी माँगे पूरी नहीं हुई तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ये हैं माँगे
* सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
* ठेकेदारों द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि का नियमित और सत्यापन योग्य जमा न किया जाना गंभीर समस्या है, इस पर तत्काल कार्यवाही की जाए।
* सफाई कर्मचारियों का जीवन बीमा शासन की योजनाओं के अंतर्गत करवाना अनिवार्य किया जाए।
* कर्मचारियों से शासन द्वारा निर्धारित कार्य समय से अधिक अत्यधिक श्रम लिया जा रहा है, जो अमानवीय है इस पर नियंत्रण लगाया जाए।
* नगर की सफाई व्यवस्था हेतु पर्याप्त संसाधन (झाडू, ट्राली, दस्ताने, मारक, वर्दी आदि) सफाई कर्मचारियों को उपलब्ध कराए जाएं।
* 1 मई (मजदूर दिवस) को सफाई कर्मचारियों को अवकाश दिया जाए तथा यदि विशेष आवश्यकता हो तो डबल वेतन भुगतान सुनिश्चित हो।
* सफाई कर्मचारियों को स्थायी किया जाए, तथा ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जाए।
* सभी सफाई कर्मचारियों को कलेक्टर दर के अनुसार वेतन भुगतान किया जाए।
10 और 12वीं का परीक्षा परिणाम जल्द घोषित होगा, जल्द खत्म होगा छात्रों का इंतजार
