
जबलपुर (जयलोक)। श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पावन पर्व पर श्री बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर मढ़ाताल में कथा के द्वितीय दिवस पर महाराज श्री ने श्रीमद्भागवत मंगलाचरण के भाव पर बताया कि सत्य का स्वरूप ही परमात्व तत्व है। सृष्टि का वर्णन निरूपित करते ब्रह्मा जी को भगवान् नारायण के द्वारा चतुश्लोकी भागवत का उपदेश ही ब्रह्म ज्ञान है।

मनु शतरूपा के द्वारा मानवी सृष्टि का का विस्तार किया। अहंकार ही दक्ष बुद्धि है सती चरित्र की व्याख्या करते हुए बताया कि अहंकार पतन का कारण है अहंकार से ज्ञान समाप्त हो जाता है। पति पत्नि के समन्वय एवं निर्वहन का नाम विवाह है इस प्रसंग पर देवहूति एवं कर्दम ऋषि के चरित्र का निरूपण किया।
संस्कार ही जीवन को परमात्मा की प्राप्ति करा देते हैं। मां सुनीति के संस्कारों के कारण तथा देवर्षि नारदजी जैसे गुरु के वचनों पर विश्वास के कारण ही धु्रव को भगवान की प्राप्ति हुई इसलिए विश्वास सदा फलदाई होता है। श्रीमद् भागवत कथा व्यास पीठ का पूजन में उपस्थित श्री मति प्रभा यादव, पद्मा मेनन, श्री मति पूजा यादव, आशीष दुबे, अमित प्रतीक्षा सिंह, घनश्याम मिश्रा, पवन रेनु बागरोडिया, हरीश विनीता भारद्वाज, तुलसी अवस्थी अखिल तिवारी मनोज सेन आदि।


Author: Jai Lok
