जबलपुर (जय लोक)। संस्कारधानी में मिलावटखोरी करने वालों ने गेहूँ में मिलाने के लिए लाई जा रही मिट्टी में भी तकनीक का पूरा इस्तेमाल किया है। मिलावट खोरी की चोरी पकड़ी ना जाए और मिलाई जाने वाली मिट्टी पर किसी को अलग से मिलाये जाने का संदेह न हो इसलिए मिट्टी की मिलावट से पहले इसकी प्रोसेसिंग की गई। यानी मिट्टी के बड़े आकार को तोड़ तोड़ कर छोटे छोटे दाने बनाए गए। इन दोनों को बाकायदा सिस्टम से बोरी में पैक करके मिलावट के लिए मझौली के माँ रेवा वेयरहाउस में लाया गया।
मझौली के धनाडी में महिला सहायता समूह द्वारा उपार्जन का कार्य किया जा रहा था। उपार्जन केंद्र की करीब 1000 सरकारी बोरियां माँ रेवा वेयरहाउस में मिली। जिससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि यह मिली भगत का खेल सबको साथ लेकर खेला जा रहा है। इस घोटाले बाजी में सब का हिस्सा तय है। दूसरी ओर महत्वपूर्ण बात इस जांच में सामने आई है कि गेहूं में मिलायी जाने वाली मिट्टी को तैयार करने का कार्य कटनी जिले के एक गांव में किया जा रहा था। लामताड़ा गांव के क्षेत्र में मिट्टी के बड़े टुकड़ों को तोडक़र छोटे आकार में और फिर उसे गेहूं में मिलाने का कार्य करने के लिए सप्लाई किया जाता रहा है। इस बात की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष आई है। इसके अलावा कुछ फिल्ट्रेशन प्लांट और मिलों से भी इस प्रकार की मिट्टी मिलावट खोरी के लिए लाई जाती है।
मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को दिखाया विधायक विश्नोई ने वीडियो
पाटन क्षेत्र के विधायक वरिष्ठ भाजपा नेता अजय विश्नोई ने मिलावटखोरों की इस हरकत पर गंभीर रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घोर नाराजगी प्रकट करते हुए इस प्रकार के कृत्य की कड़ी निंदा की है। एक वीडियो संदेश जारी कर विधायक विश्नोई ने बताया कि उन्होंने इस पूरे घटनाकम का भाजपा के कार्यकर्ता और स्थानीय नेताओं द्वारा बनाए गए वीडियो को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव को दिखाया गया है। श्री विश्नोई ने कहा है कि इस प्रकार की किसी भी गतिविधि की जानकारी होने पर क्षेत्रीय जनता और विशेष कर तत्काल उनको सूचित करें। क्योंकि यह मिलावट खोर किसान के नाम पर किसानों को और सरकार को चूना लगाने उनकी छवि खराब करने का कार्य कर रहे हैं।
वकील और पुलिस के बीच वाहन चेकिंग को लेकर हुई हाथापाई, थाने में एकत्रित हुए दर्जनों वकील
