
कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम जबलपुर और तहसीलदार ने मौके पर जाकर की जाँच, सरकारी भूमि पर भी कब्जा
जबलपुर (जयलोक)। 5000 से लेकर 20000 वर्ग फुट के सस्ते फार्मलैंड का सपना दिखाने वाले अर्थ बिल्डर और डेवलपर नीरज ललित प्रताप सिंह और डायरेक्टर सुधीर रावत ने ग्रीन वैली प्रोजेक्ट बरगी क्षेत्र के नगरी ग्राम के पास प्रारंभ किया। लोक लुभावने प्रचार प्रसार में फंसकर कई लोग इस ठगी का शिकार हो गए और इस फ्रॉड (धोखाधड़ी) का शिकार हो गए। अब बिल्डरों के इस चीटिंग बाजी की शिकायत करने पीडि़त लोग कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। फार्म हाउस बनाने वाले बिल्डरों के खिलाफ पहले भी कलेक्टर दीपक सक्सेना के समक्ष शिकायत आ चुकी थी जिस पर जाँच के निर्देश दिए गए थे।
एसडीम जबलपुर अभिषेक सिंह, तहसीलदार प्रदीप तिवारी आदेश के परिपालन में मौके पर जाँच करने गए थे। आर आई पटवारी की मौजूदगी में सभी शिकायतों की जाँच हुई है, निवेशकों के बयान दर्ज किए गए हैं किससे कितना पैसा लिया। किन लोगों को कहां की रजिस्ट्री की गई किसको कौन सा भूखंड आवंटित किया गया। फार्म लैंड के लिए जो लेआउट बनाया गया है उसकी भी जाँच की गई।

सरकारी भूमि पर बना दिया गार्डन और सडक़
जाँच के दौरान यह भी पाया गया की शिकायतकर्ताओं के साथ की गई धोखाधड़ी के अलावा बिल्डर ने शासकीय भूमि पर भी कब्जा किया है। ग्रीन वैली प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाई गई सडक़ और गार्डन सरकारी भूमि पर बनाए जाने की बात सामने आई है।
कल एक बार फिर कलेक्टर दीपक सक्सेना को राजेश कुमार महोबिया, हितेश पटेल, रजनी साहू, सुनील खेमानी, मोहित कुमार गोटिया, धावल पटेल, दिलीप चंद यादव आदि ने शिकायत दी की अर्थ बिल्डर एंड डेवलपर के द्वारा ग्रीन वैली प्रोजेक्ट के नाम से बरगी के निगरी ग्राम के पास फार्मलेंड का प्रोजेक्ट किया गया था। 5000 से लेकर 20000 वर्ग फीट तक के प्लांट अलग-अलग राशि पर बेचे जा रहे थे। 100 से लेकर 150 रूपये वर्गफुट तक के हिसाब से लोगों ने 5 लाख से लेकर 20 लाख रुपए तक बिल्डरों के पास निवेश किया। बिल्डर ने आश्वासन दिया था कि प्रोजेक्ट पूरा होते ही और इसको पूर्ण रूप से विकसित करने के बाद इसकी कीमतें काफी अधिक हो जाएंगी। लेकिन बिल्डर द्वारा आधा अधूरा फार्मलैंड ही बनाकर दिया गया।
किसी के पास अनुबंध किसी के पास रजिस्ट्री
शिकायतकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुँच कर बताया कि बिल्डरों के द्वारा जो ब्रोशर फार्म लैंड विक्रय करते समय दिए गए थे उसमें इस बात का उल्लेख था की पक्की सडक़, बिजली, पानी, स्विमिंग पूल, मंदिर, गार्डन और कम्युनिटी हॉल सब कुछ बिल्डर द्वारा बना कर दिया जाएगा। लोगों ने इसे अच्छा निवेश का प्रोजेक्ट मानते हुए अपने जीवन भर की कमाई की राशि इसमें लगा दी और फार्म लैंड बुक कर लिए। कुछ लोगों के पास बिल्डर से किया हुआ केवल अनुबंध है कुछ लोगों के पास रजिस्ट्री है और कुछ लोगों की रजिस्ट्री नहीं हो पाई थी। जिनकी रजिस्ट्री है उनके नामांतरण नहीं हो पाए हैं जबकि कुछ लोग केवल चुकता नामा लेकर ही अपनी शिकायत के साथ इधर से उधर भटक रहे हैं।
मोबाइल बंद ऑफिस पर लटका है ताला
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि अर्थ बिल्डर एंड डेवलपर के प्रोपराइटर नीरज ललित प्रताप सिंह और डायरेक्टर सुधीर रावत दोनों भूमिगत हो गए हैं। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनके लाखों रुपए हजम कर यह दोनों बिल्डर फरार हो गए हैं। उनके मोबाइल लगातार बंद आ रहे हैं और उनके ऑफिस में भी ताला लटका हुआ है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आएंगे जिनके साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी ग्रीन वैली प्रोजेक्ट के नाम पर की गई है।

इनका कहना है
ग्रीन वैली प्रोजेक्ट की जाँच तहसीलदार द्वारा पूरी कर ली गई है। मैं खुद भी मौके पर गया था और शिकायतकर्ताओंं से चर्चा की है, उनके बयान दर्ज किये गए हंै। प्रोजेक्ट का लेआउट क्या है और निवेशकों को कहां कहां भूमि आवंटित की गई है ऐसे सभी बिंदुओं पर जाँच की गई है। प्रथमदृष्टिया शिकायतें सही पाई गई हैं। रिपोर्ट प्राप्त होते ही पूर्ण वस्तु स्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा एवं आगे की कार्यवाही की जाएगी। शासकीय भूमि पर कब्जे के संबंधित शिकायत की भी जाँच पूर्ण हुई है।
अभिषेक सिंह, एसडीएम जबलपुर
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Author: Jai Lok
