जबलपुर (जयलोक)।कुछ दिनों पहले उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र के नेताओं के करीबी पूर्व मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह और मंडल अध्यक्ष रहीं जागृति शुक्ला को जैन समाज और उनके आचार्य के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद भारतीय जनता पार्टी को काफी नुकसान हुआ था और जैन समाज के लोगों ने इसका तीव्र विरोध किया था। अपने नेताओं की इन हरकतों से भारतीय जनता पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा था और फिर यह मामला भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुँच गया था। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के निर्देश मिलने पर नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने नोटिस देने के बाद दोनों भाजपा के नेताओं को 6 साल की अवधि के लिए भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
शायद इतनी कार्यवाही को जैन समाज में उत्पन्न हुए आक्रोश और असंतोष को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा था। इसीलिए इस जख्म पर मर्म लगाते हुए जबलपुर कलेक्टर से मुलाकात कर भाजपा विधायक अभिलाष पांडे के नेतृत्व में जैन समाज के विशेष लोगों को मिलवाया गया और एक ज्ञापन कीर्ति स्तंभ के लिए सौंपा गया। वैसे तो कीर्ति स्तंभ का यह प्रकरण कई वर्षों से चला रहा है लेकिन अचानक इस मुद्दे को पुन: सक्रियता से उठाए जाने को समय की नजाकत के अनुरूप लिया गया निर्णय भी माना जा रहा है।
भाजपा के दो नेताओं के द्वारा किए गए आपत्तिजनक वार्तालाप को उनके व्यक्तिगत विचार के रूप में निरूपित करने और भारतीय जनता पार्टी की समाज के प्रति मंशा को प्रबलता से दिखाने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह डैमेज कंट्रोल करने की एक रणनीति के तहत उठाया गया कदम भी माना जा रहा है। ताकि भाजपा के कुछ नेताओं के द्वारा पहुँचाई गई ठेस को दूर किया जा सके।
कलेक्टर दीपक सक्सेना से विधायक अभिलाष पांडे के नेतृत्व में जैन समाज के लोगों ने मुलाकात कर क्षेत्र में बनने वाले कीर्ति स्तंभ के संबंध में चर्चा की। सभी के साथ मिलकर समाज की मंशा अनुसार ही कीर्ति स्तंभ बनाने का निर्णय लिया गया। कीर्ति स्तंभ के लिए दीनदयाल चौक के सामने पार्क में जगह का सुझाव दिया गया।
बहुत ही अल्प समय में हुए इस पूरे घटनाक्रम पर सभी की नजर बनी हुई है। और इस मुलाकात को और कलेक्टर को सौंप गए पत्र को जख्म पर मरहम लगाने का प्रयास ही कहा जा रहा है।
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