
परितोष वर्मा
जबलपुर (जय लोक)। जबलपुर के अपराधिक जगत के इतिहास में परसों रात 29 जून 2025 को पहली बार ऐसी घटना हुई जिसमें किसी महिला अपराधी ने अन्य महिला के ऊपर एसिड अटैक किया हो। जय लोक ने ही इस बात को जानने का प्रयास किया कि आखिर एक 19 साल की लडक़ी ने अपनी ही सबसे खास सहेली एसिड अटैक करने का निर्णय क्यों लिया वह चाहती तो अन्य माध्यमों से भी उसको नुकसान पहुंचा सकती थी लेकिन फिर एसिड अटैक ही क्यों चुना गया।
एक दौर था जब जबलपुर एसिड अटैक के लिए बदनाम था। इस बदनामी का हल्ला ना सिर्फ पूरे प्रदेश बल्कि देश में था कि जबलपुर में एसिड अटैक होना आम बात है। लेकिन कल एक 19 साल की लडक़ी ने गिरफ्तारी के बाद जिस प्रकार से पुलिस के समक्ष इस घटना को अंजाम देने की पूरी योजना सुनाई तो उसे सुनकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुंह से भी यही बात निकली की 19 साल की इशिता तो इंदौर वाली सोनम से भी ज्यादा शातिर और खतरनाक है। घटना के संबंध में जय लोक ने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए।
जबलपुर शहर के गौरी घाट थाना क्षेत्र अंतर्गत अवधपुरी कॉलोनी में दिल दहला देने वाली घटना के पीछे कई पहलू है। इसमें मानसिक विकृति, ईष्र्या जलन, बदला सब कुछ शामिल है। एक इंजीनियरिंग छात्रा ने अपनी ही पक्की सहेली और पड़ोस में रहने वाली बीबीए की छात्रा पर तेजाब उड़ेल दिया, यह असामान्य घटना है। 19 साल की इशिता साहू ने घटना को अंजाम देने से पहले जिस प्रकार शातिराना ढंग से इस अपराध को अंजाम देने की योजना बनाई उसे सुनकर जांच कर रहे पुलिस के अधिकारी और जवान भी चौंक गए।
थाना प्रभारी सुभाष चंद्र बघेल ने जय लोक से चर्चा करते हुए बताया कि यह सामान्य घटना नहीं है। घटना को अंजाम देने वाली 19 साल की लडक़ी ने हमले के लिए बाकायदा पूरी योजना बनाई। 7 से 8 दिन उसने लगातार इंटरनेट पर एसिड के बारे में जानकारी ली। उसे कैसे प्राप्त किया जाता है इस बारे में भी उसने सब कुछ सर्च किया, जाना-समझा।
सिविक सेंटर की दुकान से लिया एसिड
थाना प्रभारी ग्वारीघाट ने बताया कि 19 साल की लडक़ी ने पता किया कि उसे एसिड कहां से मिल सकता है। उसके बाद उसने सिविक सेंटर प्रभु वंदना टॉकीज के पास स्थित एक दुकान में संपर्क कर एसिड प्राप्त करने की कोशिश की। दुकानदार ने बिना अधिकृत इस घातक एसिड को देने से मना कर दिया। लडक़ी 5 दिन तक लगातार प्रयास करती रही कि उसका प्रोजेक्ट का काम होना है एसिड नहीं मिला तो उसका प्रोजेक्ट नहीं हो पाएगा। उसके बावजूद भी दुकानदार ने उसको कॉलेज का अधिकृत पत्र लाने के लिए कहा।
कॉलेज का बना लिया फर्जी पत्र
पुलिस जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि 19 साल की इशिता साहू ने अपने मन में श्रद्धा दास के ऊपर एसिड अटैक की योजना बना ली थी। जब यह योजना उसके मन में आ चुकी थी और उसे एसिड नहीं मिल रहा था, तो उसने शातिराना तरीके से अपने कॉलेज ज्ञान गंगा का एक फर्जी पत्र तैयार किया और लेकर दुकानदार के पास पहुंच गई। इशिता को सामान्य छात्र समझ कर दुकानदार ने कॉलेज का पत्र देखने के बाद उसे एसिड दे दिया। यह सामान्य बात नहीं है कि हमले की हवस ने इशिता को एसिड हमला करने के लिए शातिर बनने पर मजबूर किया। उसने जिस प्रकार से पूरी योजना बनाई वह इंदौर वाली अपने पति को मारने वाली सोनम की योजना से ज्यादा खतरनाक नजर आ रही है।
पता था कल बाहर चली जाएगी श्रद्धा
जाँच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि हमला करने वाली इशिता साहू को इस बात की पूरी जानकारी थी कि अगर उसने 29 तारीख की रात में ही घटना को अंजाम नहीं दिया तो अगले दिन श्रद्धा दास शहर से बाहर कोलकाता परीक्षा देने के लिए चली जाएगी। इसलिए उसने जी जान लगाकर एसिड प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और रात 10:00 ही घटना को अंजाम दे दिया।

बॉयफ्रेंड के साथ वायरल हुआ था वीडियो
पूछताछ में आरोपी इशिता साहू ने पुलिस को यह भी बताया कि जब दसवीं क्लास तक वह ग्वारीघाट क्षेत्र के एक निजी स्कूलों में पढ़ते थे और पढऩे में बहुत अच्छे थे। इशिता का ऐसा कहना है कि श्रद्धा से दोस्ती होने के बाद उसने अपना पहला बॉयफ्रेंड बनाया। कुछ समय बाद उसके बॉयफ्रेंड के साथ अंतरंग समय का एक वीडियो वायरल हो गया। जिसके कारण उसकी बहुत बदनामी हुई। इस घटना के लिए वो श्रद्धा को दोषी मानती थी कि वो ना तो उसकी सहेली बनती और न ही वो रास्ते से भटक कर इस तरफ ध्यान देती। एक और बात निकलकर सामने आई है जो इशिता ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष पूछताछ में कबूल की है वह यह है कि इशिता श्रद्धा दास को खुद से ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक मानती थी और इस बात की जलन उसके मन में अधिक थी। श्रद्धा दास ने एक समय के बाद खुद को पुन: पढ़ाई के रास्ते पर केंद्रित कर दिया था और वह इशिता से दूर रहने लगी थी। इस बात की नाराजगी भी उसके मन में बहुत अधिक थी और यह हीन भावना भी बदले का कारण बनी।
कोई गिलानी नहीं-कोई पछतावा नहीं
पुलिस सूत्रों के अनुसार इतने जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद भी 19 साल की इशिता के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। वह बीच बीच में खुद ही घायल श्रद्धा दास का हाल चाल पूछती है और यह भी पूछती है कि वह मर तो नहीं जाएगी, उसे फांसी तो नहीं हो जाएगी। पुलिस के अधिकारी भी है समझ रहे हैं 19 साल की है एसिड अटैक करने वाली यह लडक़ी मानसिक रूप से काफी शातिर है।

श्रद्धा की हालत स्थिर, लेकिन समय कठिन
डॉक्टर ने एसिड अटैक में घायल श्रद्धा दास की जान तो बचा ली है, लेकिन उसका आने वाला समय काफी कठिन होने वाला है। जलन और बदले की भावना ने श्रद्धा का पूरा चेहरा खराब कर दिया है। गनीमत रही कि उसकी आंखें बच गई है लेकिन एसिड के कारण उसकी पलकें जल गई है। डॉक्टर का कहना है कि वर्तमान समय में वह स्थिर है लेकिन आने वाला समय उसके लिए काफी कठिन और चुनौती पूर्ण रहेगा।
अवधपुरी कॉलोनी में रहने वाली 23 वर्षीय श्रद्धा दास (बीबीए छात्रा) और उसकी पड़ोस में रहने वाली इशिता साहू (इंजीनियरिंग छात्रा) के बीच गहरी मित्रता थी। बीती रात करीब 9 बजे इशिता एक जार में तेजाब लेकर श्रद्धा के घर पहुंची। उसने श्रद्धा को बाहर बुलाया और साथ टहलने चलने को कहा। श्रद्धा ने यह कहकर मना कर दिया कि उसकी परीक्षा चल रही है और वह बाहर नहीं जा सकती। इतना सुनते ही इशिता ने जार में रखा तेजाब श्रद्धा के ऊपर डाल दिया। तेजाब के हमले से श्रद्धा की चीख सुनकर न केवल उसके परिजन, बल्कि पास-पड़ोस के लोग भी जमा हो गए। एसिड की जलन से श्रद्धा दर्द से छटपटा रही थी। इस बीच, मौका पाकर इशिता वहाँ से भाग निकली। परिजन गंभीर रूप से झुलसी श्रद्धा को तुरंत हॉस्पिटल ले गए, जहाँ उसे भर्ती किया गया है।
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Author: Jai Lok







