जबलपुर (जयलोक)। शहर के एक और पार्षद पर जाति प्रमाण पत्र के जाँच की तलवार लटकी है। मामला अधारताल अंतर्गत संजय गांधी वार्ड के मौजूदा पार्षद मोहम्मद कलीम का है। इनके खिलाफ जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता मंगन सिद्दीकी की ओर से अधिवक्त परिमल चतुर्वेदी, सुयस श्रीवास्तव, विशेष पाण्डेय व शारिक ने पक्ष रखा। इसके पूर्व भी हनुमानताल पार्षद कविता रैकवार का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था। अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रस्तुत किए गए जाति प्रमाण पत्र की शिकायत हुई थी और इस शिकायत की जाँच होते-होते हाई पावर कमेटी तक पहुँची थी। अंतत: हाई पावर कमेटी ने सारे तथ्यों की जाँच पड़ताल के बाद में पाया कि यह जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। हाई पावर कमेटी के उक्त निष्कर्ष के बाद जिला प्रशासन द्वारा अधारताल राजस्व संभाग में दर्ज कविता रैकवार के जाति प्रमाण पत्र को पोर्टल से भी अलग कर दिया गया था। इस तरह का यह दूसरा मामला है। जिसमें अब पार्षद के जाति प्रमाण पत्र की जाँच होगी।
याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट से माँग की गई है कि एसपी, आयुक्त, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, भोपाल द्वारा पारित आदेश अनुपालन का निर्देश दिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुक्त ने एसपी को कुमारी माधुरी पाटिल के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में पार्षद कलीम ने जाति प्रमाण पत्र की जाँच करने तथा उसके पश्चात रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। एसपी ने उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया तथा कोई जाँच या अन्वेषण नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने मामले के उपरोक्त तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए एसपी को निर्देश दिए हैं कि पार्षद के जाति प्रमाण पत्र की जाँच कर इसकी रिपोर्ट 60 दिनों में आयुक्त के समक्ष पेश करें।
