गिने चुने पार्षद और पार्षद पति ही बैठक में पहुँचे
जबलपुर (जयलोक)। लगातार हार के झटके खा रही कांग्रेस अभी तक मिल रही करारी शिकस्त से सबक लेने के लिए तैयार नहीं है। एकता के सूत्र से दूर हो चुकी कांग्रेस इसके नेता और कार्यकर्ता सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने और एक दूसरे की नेतागिरी को मान्य नहीं करने में लगे हुए हैं। इसका एक उदाहरण कल जबलपुर में फिर देखने को नजर आया। जबलपुर के प्रभारी हरदा के विधायक श्री आर के दोगने एवं सह प्रभारी लक्ष्मण सिंह ने रसल चौक स्थित कांग्रेस कार्यालय में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में 16 दिसंबर को होने जा रहे विधानसभा घेराव को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण एजेंडा था जो संगठन के विस्तार से जुड़ा था और नगर संगठन के विस्तार को लेकर सभी नेताओं को प्रतीक्षा है केवल अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद से लंबा समय बीत चुका है लेकिन इस मामले में किसी प्रकार की कोई पहल नहीं हो पा रही है। इतने महत्वपूर्ण विषयों पर बैठक होने के बावजूद और जिले के प्रभारी की मौजूदगी को भी दरकिनार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और अलग-अलग चुनाव में टिकट लेकर मैदान में अपना भाग्य आजमाकर हारकर बैठे नेताओं ने अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराकर कांग्रेस की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया।बैठक के दौरान लोकसभा के प्रत्याशी रहे दिनेश यादव ने अपने विचार रखे और ब्लॉक अध्यक्ष बलवंत गुर्जर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने बताया कि एक तरफ किसान परेशान हैं दूसरी तरफ नौजवान परेशान हैं घर में महिलाएं परेशान है रोड में चलने वाली बालिकाएं असुरक्षित है लेकिन भारतीय जनता पार्टी इन सबसे परे होकर राजनीति कर रही है एक तरफ मणिपुर जल रहा है उन्हें वह नहीं दिखता उन्हें दिखता है अरब जैसा देश। खुद के देश में बेटियों को नग्न घुमाया जा रहा है वह इस बात से अनभिज्ञ हैं।
कैसे पूरी करेंगे भोपाल चलने की दी गई संख्या- नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने सौरभ शर्मा पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर रहे हैं। सौरभ शर्मा अभी खुद चाहते हैं कि जल्द से जल्द नगर संगठन का विस्तार हो ताकि और अधिक जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर कांग्रेस अपनी आवाज को मजबूती से उठा सके। लेकिन कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रादेशिक और नगर की लोकल राजनीति इस मामले में सबसे बड़ी अड़चन बनी हुई है। बैठक में जिले के प्रभारी नेता ने भोपाल पहुंचने के लिए एक लक्ष्य जिला कमेटी के सामने प्रस्तावित किया कि कितनी संख्या में लोगों को पहुंचना है। लेकिन यह बड़ी विडंबना ही रही कि बैठक में ही उंगली पर गिने जाने वाले नेता ही उपस्थित थे। कांग्रेस के बहुत से तथाकथित प्रभावी और बड़े नेताओं ने इस बैठक से दूरी बनाई। शहर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने प्रभारी नेता को भरोसा भी दिया की उनके द्वारा जो संख्या भोपाल जाने के लिए निश्चित की गई है उससे बढक़र जबलपुर के लोग भोपाल पहुंचेंगे। अब यह लक्ष्य पूरा करना नगर कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। जबलपुर में कांग्रेस की दयनीय स्थिति है और इसका उदाहरण कल जिला प्रभारी के समक्ष आ चुका है।
जबलपुर के प्रभारी आर के दोगने ने अपने उद्बोधन ने कहा कि वह जबलपुर से पुराने जुड़े हुए हैं उन्हें यहां की राजनीति का अच्छा अनुभव है साथ ही उन्होंने बताया कि आज जब मोहन सरकार अपने ही किए हुए वादे नहीं निभा सकती और उन्होंने जो वादा पत्र चुनाव के समय जनता तक पहुंचा था उसमें से एक वादा आज 1 साल पूरे हो जाने के बाद भी पूरा नहीं कर सके क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक स्तर बहुत निम्न है जनता को मुद्दों से भटकाकर राजनीति करने पर विश्वास रखती है, इसीलिए जीतू पटवारी के नेतृत्व में होने जा रहे विधानसभा घेराव में आप सभी जबलपुर के लोगों को अधिक से अधिक संख्या में पहुंचना है।
सह प्रभारी लक्ष्मण सिंह ने अपने विचार रखते हुए बताया कि आज मध्य प्रदेश का किसान एक तरफ खाद और यूरिया के लिए परेशान है तो दूसरी तरफ फसल उगाने के बाद उसे बिचैलियों को बेचना पड़ रहा है क्योंकि सरकार ना तो उनकी लागत का पैसा दे रही है और ना ही उनका समय पर भुगतान कर रही है जिस वजह से उनको अपनी जीविका चलाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इन्हीं सब कारणों को देखते हुए जीतू पटवारी ने इस मोहन सरकार को जगाने के लिए एक विशाल विधानसभा घेराव करने का फैसला किया है जिसके लिए जबलपुर से हर एक कांग्रेसी को अपने घर मकान से निकलकर इस मोहन सरकार से लडऩा है जिसके लिए जबलपुर से एक अच्छा संख्या बल भोपाल के लिए रवाना हो। शायद भावनाओं में अपनी बात कह रहे सह प्रभारी लक्ष्मण सिंह ने बैठक में उपस्थित नेताओं की संख्या पर गौर नहीं किया होगा। वे जबलपुर के सभी कांग्रेस के नेताओं से अपने घरों से निकलने का भोपाल आने का, विधानसभा घेराव करने का आवाहन कर रहे हैं जबकि इतनी महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस के नेता अपने घर से निकलकर स्थानीय बैठक तक में नहीं पहुंच पाए।
ये थे उपस्थित, लेकिन प्रमुख नामों की संख्या ना के बराबर
इस महत्वपूर्ण बैठक में गुड्डू चौबे, रज्जू सराफ, आजम अली खान, अभिषेक चंदेल, रिंकू यादव, डिक्की जॉन, प्रमोद पटेल, सतीश तिवारी, कमलेश यादव, अमरीश मिश्रा, अतुल बाजपेई, गुड्डू नबी, याकूब अंसारी, कलीम खान, अमर रजक, अख्तर अंसारी, अमरचंद बावरिया, भगत राम सिंह, इंदिरा पाठक, अनुज श्रीवास्तव, रवि पटेल, विजय जैन, पप्पू वसीम, अरिफ बेग, अशरफ मंसूरी, मोहम्मद अल्तमस, सचिन रजक, विजय रजक, झल्लेलाल जैन, प्रवेंद्र चौहान, रितेश गुप्ता बंटी, फिरोज ठाकरे, बलविंदर मान, अनुभव शर्मा, आशु बत्स, हुकुमचंद जैन, अमर राज सोनकर, रितेश नोतनानी, मदन लारिया, रितेश अग्रवाल, रविंद्र गौतम, नेम सिंह, चमन पासी, कैलाश ठाकुर, अनीता पटेल, प्रभा सिंह, दीपमाला, पूजा सिंह, प्रीति ठाकुर, रामा ठाकुर, अक्षय विनोदिया, अरुण पवार, सक्षम गोस्वामी, अभिषेक तिवारी, रामदास यादव, आसिफ कुरेशी, मनोज नामदेव, सौरभ नामदेव, दिलीप साहू, राजेश पटेल,दिलीप पूरी, अशोक प्रजापति, भरत पटेल, संदीप जैन, आदि बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।