विके्रता की जमीन पर कूट रचना कर बनाई सडक़ गार्डन
जबलपुर (जयलोक)। जमीन क्रय करने के बाद तय शर्तों का उलंघन कर दो बिल्डर ने विके्रता के घर से आने जाने वाले रास्ते में ही गार्डन बना दिया। पीडि़त ने इस बात की शिकायत पुलिस थाना और एसपी से भी की। लेकिन जब यहां से कोई मदद नहीं मिली तो शिकायतकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां दस्तावेज देखते हुए कोर्ट ने दोनों बिल्डर पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
मामला गोरा बाजार थाना क्षेत्र का है। यहां जमीन विके्रता परिवादी पुरुषोत्तम उपाध्याय के साथ उसकी जमीन से संबंधित दस्तावेजों की कूटरचना कर उसकी जमीन पर कॉलोनी लेआउट में गार्डन और सडक़ निर्माण कर दिया गया। आवेदक तक की शिकायतों पर प्रशासनिक कार्यालयों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
मामले की जानकारी देते हुए प्रकरण के अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह ने बताया कि पुरुषोत्तम उपाध्याय द्वारा चैतन्य प्रमोटर बिल्डर डेवलपर के पार्टनर आदर्श अग्रवाल सचिन उपाध्याय को वर्ष 2011 में खसरा नंबर 406/1 की भूमि में से एक हेक्टेयर भूमि रजिस्टर्ड विक्रय पत्र द्वारा विक्रय की गई थी। शेष भूमि 40 डिसमिल अर्थात 17323 वर्ग फुट स्वयं के लिए बचा ली थी जिस पर परिवादी का कब्जा था। विक्रय पत्र में यह शर्त लिखी गई थी की बिल्डर अपनी भूमि से परिवादी की भूमि में आने-जाने के लिए रास्ता उपलब्ध कराएंगे। बिल्डर आदर्श अग्रवाल एवं सचिन उपाध्याय द्वारा खरीदी गई भूमि का कॉलोनी का लेआउट टीएनसीपी से पास कराया जिसमें स्टैंडर्ड स्केल से प्लाट और रोड की भूमि दर्शाई गई तथा बेईमानीपूर्ण आशय से परिवादी की शेष बची भूमि को लेआउट में गार्डन मद् में और सडक़ दर्शाकर कम साइज का नाप दर्शाकर छल कपट करते हुए दस्तावेजों की कूट रचनाकर धोखाधड़ी का अपराध किया गया था। परिवादी द्वारा उक्त अपराध की लिखित शिकायत गोरा बाजार थाना में की थी पुलिस द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर पुलिस अधीक्षक के समक्ष भी कार्यवाही की गुहार लगाई गई थी किंतु बिल्डर के प्रभाव के कारण प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। तब परिवादी द्वारा धारा 156(3) भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता का परिवाद न्यायालय में पेश किया गया था परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज और थाने से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर परिवादी के अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह ने तर्क में कहा कि बिल्डर द्वारा जमीन से संबंधित टीएनसीपी लेआउट एवं अन्य दस्तावेजों में जानबूझकर कूट रचना की गई है। बिल्डर द्वारा एक साथ एक राय होकर धोखाधड़ी का अपराध किया गया है जिस पर न्यायालय श्रीमान जितेंद्र रावत न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के प्रकरण क्रमांक यूएनसीआर 1557/ 2024 में पारित आदेश 7 मार्च द्वारा आरोपी बिल्डर के विरुद्ध धारा 120बी, 420,467,468 का एवं 471 भारतीय दंड विधान का अपराध पंजीबद्ध किया जाने का आदेश पारित किया गया। तथा संबंधित उक्त धाराओं में एफआईआर दर्ज का प्रतिवेदन न्यायालय की समक्ष प्रस्तुत करने पुलिस को निर्देशित किया गया है।
