राज्यपाल के नाम सिहोरा एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन
12 जून 2024 को जय लोक में प्रकाशित खबर
जबलपुर (जय लोक)
सिहोरा के ग्राम कटरा रमखिरिया अंतर्गत खदान धसने से तीन मौतों के मामले में कुछ लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें भाजपा के सिहोरा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी का नाम एफआईआर से हटाया गया है। जिससे यह साफ प्रतीत हो रहा है कि पुलिस राजनैतिक दबाव में आकर दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है। यह कहना है बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं का जिन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए सिहोरा एसडीओपी पारूल शर्मा को बर्खास्त करने की माँग की गई है।
घटना पाँच जून को हुई थी जिसमें शुरू से ही भाजपा नेता अंकित तिवारी का नाम सामने आ रहा था। हादसे के पाँच दिनों बाद पुलिस ने भाजपा नेता अंकित तिवारी का नाम एफआईआर में शामिल किया। लेकिन अचानक ही एफआईआर से अंकित तिवारी का नाम काट दिया गया। इस बात को लेकर जहां क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है तो वहीं बसपा कार्यकर्ताओं ने भी पुलिस पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है। बसपा नेता मुकेश सूर्यवंशी और राजेश कोल के नेतृत्व सिहोरा एसडीएम के पास पहुँचे लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से तीन मौत पर हो रहे राजनैतिक खिलवाड़ की जानकारी दी।
इन लोगों की हुई थी मौत
पाँच जून को हुए हादसे में तीन लोग मुन्नी बाई, राजकुमार और मुकेश बसोड़ की मौत हुई थी। शुरू में कहा गया कि तीनों मंदिर निर्माण के लिए खदान से मिट्टी निकाल रहे थे। लेकिन बाद में सच्चाई सामने आई और पता चला कि भाजपा नेता अंकित तिवारी के कहने पर ही ये खदान से मिट्टी निकाल रहे थे।
20 फीट की ऊँचाई से गिरी थी रेत
20 फीट ऊँचाई से रेत गिरने के कारण वहाँ काम कर रहे मजदूर दब गए। तीन लोगों को बाहर निकाल कर इलाज के लिए सिहोरा हॉस्पिटल पहँुचाया गया था। जहाँ इलाज के दौरान तीनों की मौत हो गई। वहीं 3 लोग घायल भी हो गए थे।
पाँच साल से निकाली जा रही थी रेत
ग्रामीणों का आरोप है कि यहाँ पिछले पाँच सालों से अंकित तिवारी रेत निकालने का काम करा रहा था। इसके लिए ग्रामीणों को पैसे भी देता था। इस मामले में आरोपी अरूण प्रताप सिंह को जमानत मिल चुकी है। जबकि पिंटू ठाकुर, मनु राजपूत, मुनव्वर अली, मो. हलीम तक पुलिस नहीं पहुँच सकी है।
एसडीओपी पर लगा आरोप
बसपा नेताओं ने ज्ञापन में बताया कि भाजपा का नगर सिहोरा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी का नाम एफआईआर से हटाने के मामले में सिहोरा एसडीओपी पारूल शर्मा का हाथ है। जिसे तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की माँग की गई है। साथ ही इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। बसपा नेताओं ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिवार वालों को पचास लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की भी माँग की है।