जबलपुर (जय लोक)। जबलपुर विकास प्राधिकरण के वर्तमान अधिकारियों की सजगता के कारण एक बड़ा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर वह कौन है जो विकास प्राधिकरण के अंदर से रिकॉर्ड चेक कर मृत हो चुके भूखंड स्वामियों की जानकारी निकालकर इस फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के लोगों को देता था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि गिरफ्त में आए शुभम उर्फ शिवम उर्फ कयाज ने पूछताछ में साफ तौर पर बताया है कि इस पूरे गैंग के सदस्यों और जिनके नाम सामने आए है जतिन राज, मनोज नामदेव और छोटू ठाकुर की भूमिका की जांच की जा रही है।
जो गिरफ्त में नही आये है उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस को जानकारी मिली है कि यह लोग जानकारी और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराकर शुभम को देते थे इसके बाद मृत लोगों के वारिस बनकर जमीन हड़पने का खेल किया जाता था। अब यह सवाल भी पुलिस की जांच में अपना जवाब पाएगा कि आखिर विकास प्राधिकरण का वह कौन अधिकारी कर्मचारी है जो गोपनीय जानकारी निकालकर इस गैंग को देता था और फिर फर्जी बाड़े का पूरा खेल किया जाता था। पुलिस की पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है वो ये है कि गैंग के पास जो व्यक्ति इस प्रकार के काम लेकर उसके पास आता था उसे काम हो जाने पर और प्रॉपर्टी बिकने पर अलग से मोटा कमीशन दिया जाता था।
और भी नाम खुलेंगे
पुलिस को अनुमान है कि इस पूरे मामले में जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी और भी सफेद पोश लोगों के नाम खुलेंगे। इसके साथ ही और भी अधिक खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है।
एसपी को सौपा विरोध में ज्ञापन, जाँच की माँग
कांग्रेस के पूर्व पार्षद जतिन राज ने अन्य कांग्रेस के नेताओं के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचकर उन पर लग रहे आरोपों का खंडन किया और इसके विरोध में ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जाँच की माँग की। जतिन राज का कहना है कि जिस युवक को पकड़ा गया है उससे उनका कोई संबंध नहीं है और ना ही वह कभी जेडीए किसी भी प्रॉपर्टी के संबंध में गए अगर ऐसा हुआ होता तो जेडीए के अधिकारी भी अपने बयान में उनका नाम लेते लेकिन वह आज तक कभी जेडीए के कार्यालय नहीं गए। उन पर लगाए जा रहे हैं आरोपी की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है।
कौन किसका बना वारिश जेडीए का रिकॉर्ड खंगालेगी पुलिस
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने जय लोक को बताया कि जबलपुर विकास प्राधिकरण में इस गैंग के द्वारा पूर्व में ऐसे कितने कार्य किए गए हैं जिसमें मृत हो चुके लोगों को निशाना बनाकर उनके वारिस बनाकर उनकी संपत्ति हड़पी गई है इसकी जानकारी जुटाना के लिए पुलिस जबलपुर विकास प्राधिकरण का रिकॉर्ड भी खंगालेगी। वसीयत के आधार पर किए गए नामांतरण के केसों को मुख्य रूप से सूचीबद्ध कर देखा जाएगा जो वास्तविक नामांतरण हुए हैं उन्हें छोडक़र जो भी संदिग्ध प्रकरण समझ में आएंगे उनको जाँच के दायरे में लिया जाएगा।
कांग्रेस का पूर्व पार्षद जतिन राज निकला जेडीए की जमीन घोटाले का सरगना
