कुछ मेडिकल से भागे तो कुछ पैरोल पर छूटने के बाद नहीं लौटे जेल
जबलपुर (जयलोक)। जेल प्रशासन को ऐसे करीब 15 कैदियों की तलाश है जो या तो इलाज के दौरान मेडिकल से फरार हुए या फिर पैरोल पर छूटने के बाद वापस जेल नहीं लौटे। जेल प्रबंधन ने इस बात की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है। लेकिन सिविल लाइन पुलिस भी इन कैदियों को तलाश नहीं कर पाई है। हालांकि पुलिस ने इनके परिवार, रिश्तेदार सहित अन्य जगहों पर दबिश दी। लेकिन इन कैदियों का पता नहीं चल सका।
जेलर मदन कमलेश का कहना है कि इन कैदियों में ऐसे कैदी भी शामिल हैं जिन्हें भागे हुए सालों बीत गए लेकिन पुलिस उन्हें खोज नहीं पाई। दो माह पूर्व मेडिकल से भागे कैदी का भी सुराग अब तक नहीं लगा। इसके अलावा ऐसे कैदी भी हैं जिन्हें भागे हुए करीब 8 से दस साल का समय भी गुजर गया है।
बीमारी का बहाना
जेल प्रबंधन का कहना है कि जेल से ऐसे कैदी जो जेल से भागने की योजना बनाते हैं उनमें अधिकांश कैदियों में देखा गया है कि ये कैदी बीमारी का बहाना बनाते हैं। जेल अस्पताल में इलाज के दौरान जब कैदियों के स्वास्थ्य में कोई आराम नहीं लगता तो कैदियों को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। इस दौरान ये कैदी मौका पाकर फरार हो जाते हैं।
जेल प्रहिरयों की लापरवाही भी बनी वजह
जेलर मदन कमलेश ने बताया कि कैदियों को मेडिकल में भर्ती किए जाने के दौरान उनकी सुरक्षा में जेल प्रहरी तैनात किए जाते हैं। लेकिन अधिकांश मामलों में यह देखा गया है कि जेल प्रहरियों की लापरवाही से ही कैदी फरार होने में कामयाब हो जाते हैं। जेल प्रहरी की नींद की झपकी इसका मुख्य कारण है।
घोषित किए जा चुके ईनाम
मेडिकल से भागे कैदियों को जब पुलिस तलाश नहीं कर सकी तो इन पर इनाम भी घोषित किया गया लेकिन यह भी कैदियों को वापस जेल तक पहुँचाने में कारगर साबित नहीं हो सका। फिलहाल तो मेडिकल से भागे कैदियों की संख्या 15 के करीब बताई जा रही है।
पकड़े जाने पर होती है कार्रवाही
जेलर मदन कमलेश ने बताया कि पूर्व में मेडिकल या पैरोल से भागे जिन कैदियों को पकड़ा गया है। इन पकड़े गए कैदियों को दोबारा पैरोल का लाभ नहीं दिया जा है। इसके अलावा इनकी गतिविधियों पर भी जेल प्रबंधन नजरें बनाए हुए हैं। वहीं ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले जेल प्रहरियों पर भी कार्रवाही की जाती है।
इनका कहना है
मेडिकल में इलाज के दौरान भागे कैदियों की संख्या 15 के करीब है इन कैदियों में वे कैदी भी शामिल हैं जिन्हें भागे हुए 8 से दस वर्ष का समय बीत चुका है। इसकी सूचना सिविल लाइन थाने में दी जाती है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई है।
मदन कमलेश, जेलर