अगर गुटबाजी में बना अध्यक्ष तो कभी नहीं बन पायेगा समन्वय
आज हो रही रायशुमारी में 60 -70 लोग हुए शामिल
जबलपुर (जय लोक)। प्रदेश भाजपा संगठन का प्रयास है की आगामी 31 दिसम्बर तक प्रदेश संगठन के अंतर्गत आने वाले 60 जिलों में से 50 जिलों के नगर अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाए। जबलपुर में भी नगर और ग्रामीण अध्यक्षों के लिए उठा पटक और जोर आजमाइश का दौर जारी है। ग्रामीण अध्यक्ष के लिए रायशुमारी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार ग्रामीण अध्यक्ष के लिए 30 लोगों ने दावेदारी पेश की है। यहां पर भी विधायकों के साथ तालमेल बिठाकर काम करने की जरूरत है यहां पर आम सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। इसी प्रकार नगर के जिला अध्यक्ष के लिए अगर किसी गुट विशेष के व्यक्ति को नगर अध्यक्ष पद पर चयनित किया जाता है तो दूसरे गुट के व्यक्तियों का नाराज होना लाजमी रहेगा। पार्टी के लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति में भविष्य में नगर संगठन कभी भी शतप्रतिशत समन्वय बनाकर कार्य नहीं कर पाएगा ऐसी स्थिति से पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है। पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता अभी इस बात को स्वीकार भाव से कह रहा है।
ऐसी स्थिति में कुछ नवीन समीकरण उभरते नजर आ रहे हैं जिसके तहत किसी ऐसे व्यक्ति की लॉटरी खुल सकती है जो वर्तमान में किसी गुट के सदस्य की छवि लेकर नहीं चल रहा है, लेकिन उसका जन आधार है पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी उसकी स्वीकृति बनी हुई है। ऐसे नाम पर भी संगठन विचार कर सकता है और इस बात से इनकार नहीं किया जा रहा है कि नगर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी के लिए कोई नया चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में आज भी नगर अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी का दौर चल रहा है। इस रायशुमारी के दौर में 60-70 व्यक्तियों की सहभागिता है। इनमें 18 मंडल के प्रतिनिधि, कार्य समिति के सदस्य, मंत्री, सांसद, विधायक पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, हारे हुए विधायक, पूर्व निगम मंडल के पदाधिकारी एवं पार्टी के वरिष्ठ जनों को शामिल किया गया है।
विधायक के है मंडल अध्यक्ष उनकी अपनी कोई राय नहीं
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिले के 18 मंडलों में जो अध्यक्ष बनाए गए हैं जो प्रतिनिधि है वह विधायकों की मंशा के अनुरूप ही बनाए गए हैं। ऐसी स्थिति में उनकी कोई अपनी राय नहीं है। विशुद्ध रूप से अपने विधायकों के अधीन चल रहे हैं और उनकी मंशा के अनुरूप ही अध्यक्ष पद के लिए पैनल में नाम भेजेंगे। ऐसी स्थिति में नगर के विधायकों और अन्य पदाधिकारी के बीच में चली आ रही गुटबाजी को बढ़ावा मिलेगा। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसी स्थिति पार्टी के हित में नहीं है और ना ही नगर अध्यक्ष और उसकी कार्यकारिणी भविष्य में पूर्ण ऊर्जा और समर्पण के साथ कार्य कर पाएगी।
5-5 नाम माँगे गए
पार्टी सूत्रों के अनुसार आज हो रही रायशुमारी के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों, पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और विभिन्न पदाधिकारियों से उनकी मंशा के अनुरूप नगर अध्यक्ष पद के लिए पांच पांच नाम लिखित में मांगे गए हैं। नाम के पैनल को पार्टी द्वारा बनाए गए प्रभारी के समक्ष एकत्रित किया जाएगा। उसके पश्चात यह प्रदेश संगठन तक पहुंचेंगे। अंतिम निर्णय प्रदेश संगठन ही लेगा।
दिल्ली-भोपाल तक जोर आजमाइश
अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल भाजपा के नेताओं की दौड़ दिल्ली भोपाल मैं बैठे अपने संरक्षक और लॉबी के नेताओं तक जारी है। इसके साथ ही नए-नए समीकरण बैठाकर किसी भी हाल में नगर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की सफलता पाने के सभी जुगाड़ जमा जा रहे हैं।
