4 साल से एक्सपायर पड़ा था आग बुझाने वाला सिलेंडर
झांसी। सरकारी ढर्रा सुधर जाए इसकी संभावना बेहद कम दिखाई देती है। यहां मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में लगी आग में 10 बच्चों की जलकर मौत हो गई। 16 झुलसे हैं, उनका इलाज चल रहा है। पहले माना जा रहा था कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है लेकिन अब बताया जा रहा है कि नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोडऩे के लिए माचिस की तीली जलाई और जैसे ही माचिस जली, पूरे वार्ड में आग लग गई। झांसी के चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड के अनुसार एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिससे आक्सीजन से भरे एनआईसीयू वार्ड में आग फैल गई। आग बुझाने के लिए जो सिलेंडर वहां पर था,वो भी बीते 4 साल से एक्सपायरी पड़ा हुआ था। झांसी डिविजन के डीआईजी ने बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है जो घायल हैं उन्हें शिफ्ट करने कार्य चल रहा है। सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लिया है और 12 घंटों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। हैरानी की बात ये रही कि आग लगने के बाद ना फायर अलार्म बजा ना ही वार्ड में रखे सिलेंडर किसी काम के थे। सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की है। यानि फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए साल साल हो चुके थे और खाली दिखाने के लिए ये सिलेंडर यहां रखे हुए थे। यूपी की योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।