जबलपुर (जयलोक)
बारिश के मौसम में मच्छरों की तादात अचानक बढ़ गई है। आलम यह है कि जगह जगह गंदगी और पानी भर जाने से मच्छरों के लार्वा मिल रहे हैं। नगर निगम भी मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए उपाय कर रहा है लेकिन यह उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। आलम यह हो गया है कि आज हर घर में कोई ना कोई डेंगू की बीमारी से परेशान है।
दो की मौत
जिले में लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जहां जबलपुर के रानी लक्ष्मीबाई वार्ड टेमर भीटा में गंदगी के अंबार के चलते लगातार डेंगू का प्रकोप फैल रहा है। वही क्षेत्र में 10 से 12 मरीज डेंगू के सामने आ चुके है। जिनका निजी एवं सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं दो मरीजों की डेंगू से प्रभावित होने के कारण मौत भी हो गई है।
आंकड़ों में फर्क
सरकारी आंकड़े में भले ही आधिकारिक तौर पर डेंगू पीडि़त व्यक्तियों की संख्या दो सौ है, परंतु शासकीय व प्राइवेट अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। अस्पताल में पलंग तक उपलब्ध नहीं हैं। डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
रिकवरी में लग रहा अधिक समय
जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू का वैरिएंट स्ट्रांग होने के कारण पीडि़त मरीज को रिकवरी में अधिक समय लग रहा है। शासकीय आंकड़ों के अनुसार डेंगू से पीडि़त मरीजों की संख्या दो सौ से पार हो गयी है। वास्तविकता में शासकीय व निजी अस्पताल पीडि़त मरीजों से भरे हुए हैं। सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार तक डेंगू पीडि़त मरीजों की संख्या दो सौ के पार पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि अधिकारिक तौर पर अभी तक एक भी व्यक्ति की डेंगू से मौत नहीं हुई है। डेंगू पीडि़त चार संदिग्ध व्यक्तियों की मौत के संबंध में उनका कहना था कि मैक-एलिसा टेस्ट नहीं हुआ था।
बारिश में बढ़ता है खतरा
सीएमएचओ ने बताया कि बारिश के मौसम में डेंगू का खतरा प्रतिवर्ष रहता है। पिछले बार की तुलना में इस बार मरीजों की प्लेट्स में गिरावट की संख्या कम है। इस वर्ष मरीजों को रिकवरी में अधिक समय लगने पर उनका कहना था कि वायरस अपना रूप बदलता है। वैरिएंट समय के साथ खुद को स्ट्रांग कर लेता है। वैरिएंट स्ट्रांग होने के कारण मरीजों को रिकवर करने में अधिक समय लग रहा है।