70 रूपये लीटर दाम होने के बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन
जबलपुर (जयलोक)। शहर में इन दिनों दूध के दाम 70 रूपये प्रति लीटर हैं, आम नागारिकों की जेबों पर दूध के बढ़े हुए दाम का बोझ आ रहा है। लेकिन इस ओर ना तो प्रशासन ध्यान दे रहा है ना ही जनप्रतिनिधि। शहरवासियों का कहना है कि जिस तरह जिला प्रशासन निजी स्कूल संचालकों पर कार्रवाही कर अभिभावकों को राहत दे रहा है उसी तरह दूध के बढ़ते दाम पर भी प्रशासन का ध्यान जाना चाहिए ताकि दूध के दाम से लोगों को कुछ राहत मिल सकें।
इसके पूर्व कलेक्टर ने दूध के बढ़े हुए दामों पर ध्यान देते हुए डेरी संचालकों द्वारा बढ़ाए गए पाँच रूपये प्रति लीटर के दाम को कम कराया गया था। लेकिन कलेक्टर के जाते ही डेरी संचालक अपनी मनमानी पर उतारू हो गए। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान ना देने का पूरा फायदा उठाते हुए एक ही साल में दो बार दूध के दाम बढ़ा दिए गए।
जनप्रतिनिधियों से भी टूटी आस
चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता से बड़े बड़े वादे कर बढ़ती महँगाई से राहत दिलाने का वादा किया गया था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि अपने वादों को भूल गए। इस ओर ना तो कोई जनप्रतिनिधि आवाज उठा रहे हैं ना ही डेरी संचालकों के खिलाफ कोई बयान दे रहे हैं।
कलेक्टर से शहरवासियों की माँग
बच्चों के परिजनों को राहत देने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा निजी स्कूल संचालकों पर जो कार्रवाही की जा रही है वह बेशक सराहनीय है। लेकिन डेरी संचालकों द्वारा बढ़ाए जा रहे दूध के दाम को लेकर कलेक्टर भी अभी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। शहरवासियों की माँग है कि जिला प्रशासन से उन्हें दूध को लेकर राहत मिलना चाहिए। इस ओर जिला प्रशासन को जल्द ही सख्त कदम उठाने चाहिए। यह भी खेद जनक है कि जनता की आवाज बनने वाले जनप्रतिनिधि आगे नहीं आ रहे हैं।