
देश और भारत माता के सम्मान के लिए डॉ. मुखर्जी किसी भी स्तर पर जा सकते थे-मंत्री राकेश सिंह
जबलपुर (जयलोक)।भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जन्म जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन आज भाजपा कार्यालय रानीताल में किया गया। संगोष्ठी में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद श्रीमती सुमित्रा वाल्मिकी, सांसद आशीष दुबे, विधायक अशोक रोहाणी, अभिलाष पांडे, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के साथ वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के त्याग और बलिदान का स्मरण करते हुए देश के लिए की गई उनकी सेवाओं का स्मरण भी किया। श्री सिंह ने कहा कि भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष के रूप में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी सोच को जब स्वरूप देना शुरू किया तब एक बार लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि जनसंघ एक सांप्रदायिक सोच रखने वाला दल है और ऐसे दल को वे कुचल देंगे। लेकिन डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उत्तर देने में देरी नहीं की और बोला कि में ऐसी मानसिकता रखने वाले वाले को ही कुचल दूंगा। डॉक्टर मुखर्जी द्वारा उस समय दिया गया जवाब कोई सामान्य नहीं था। देश के लिए और भारत माता के सम्मान के लिए किसी भी स्तर पर जाने का संकल्प डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसा व्यक्ति ही ले सकता था। विभाजन की त्रासदी के बाद जो देश मिला उसे लेकर डॉक्टर मुखर्जी कहते थे कि देश अखंड होना चाहिए और द्विराष्ट्र की भावना से अगर सरकार काम करेगी तो वह उसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।
भाजपा जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने कहा कि हमारे प्रेरणा स्त्रोत जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती को महानगर स्तर पर मनाया जा रहा है और इस अवसर पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें महानगर के सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
श्री सोनकर ने बताया संगठन द्वारा मोदी सरकार के सेवा सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्र्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में जबलपुर महानगर द्वारा कार्यक्रम सम्पन्न हुए है जिसमे पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। इसमें मंडल बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में स्थानीय लोगो के साथ पौधारोपण करेंगे।

देश के कई राज्यों में 10 जुलाई तक जमकर बारिश, तेज हवा और बिजली गिरने का अलर्ट

Author: Jai Lok
