एसपी उपाध्याय को चाहिए परिणाम, अपराधों पर लगे लगाम
जबलपुर (जयलोक) दो महीने के अपने कार्यकाल में एसपी सम्पत उपाध्याय ने जबलपुर शहर और यहाँ पदस्थ अधिकारियों कि कार्यक्षमता का आंकलन करने के बाद अपने पाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के बीच में जोन बनाकर जिममेदारी और कार्य का विभाजन कर दिया है। इसके पीछे बहुत साफ सन्देश प्रसारित है कि अब हर हाल में अपराधों पर लगाम लगे। जल्द से जल्द इन बातों के परिणाम कार्यवाहियों के माध्यम से दिखना चाहिए। ढीली पड़ी व्यवस्था और सुस्त चल रही पुलिसिंग में नई कसावट के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शहर में पदस्थ एएसपी स्तर के अधिकारियों का नए सिरे से कार्य विभाजन किया गया है। एसपी संपत उपाध्याय ने शनिवार को एएसपी स्तर के अधिकारियों को इधर से उधर किया है। जिसमें क्राइम ब्रांच से हटाए गए एएसपी वर्मा को गोरखपुर, केंट, बरगी और गढ़ा संभाग व लाइजनिंग और प्रोटोकॉल का प्रभार उन्हें सौंपा गया है। एएसपी ट्रैफिक प्रदीप शेंडे को क्राइम ब्रांच का जिम्मा सौंपा गया है। एएसपी आईपीएस आनंद कलादगी को कोतवाली, ओमती, गोहलपुर, रांझी, माढ़ोताल, अधारताल और लाइन के प्रभार के साथ ही कानून और शांति व्यवस्था प्रोग्राम, जिला विशेष शाखा, पुलिस कंट्रोल रूम और डायल 100 का प्रभारी बनाया गया है। वहीं एएएसपी सूर्यकांत को सिहोरा, पाटन ग्रामीण और मुख्यालय समेत चुनाव सेल का प्रभारी एसपी ऑफिस के कार्य, पुलिस जवानों अधिकारियों से सम्बंधित शिकायतें आम्र्स एक्ट सम्बन्धी अपराध आदि और एएसपी सोनाली दुबे को महिला सुरक्षा शाखा समेत ट्रैफिक, सीएम हेल्पलाइन, आलम्बन, ऊर्जा डेस्क, पास्को एक्ट, वेलफेयर का कार्यभार सौंपा गया है। कहा जा रहा है कि पुलिस की कार्यप्रणाली में कसावट लगाने अधिकारियों के प्रभार बदले गए हैं।
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