जबलपुर (जयलोक)। विगत दिवस शहर में एक अनूठा आयोजन संपन्न हुआ। हनुमानताल तालाब को नया जीवन देने के लिए इसके जीर्णोद्धार के उद्देश्य से महीनों से चल रहे कार्य के बीच 1973 से लेकर अभी तक जितने भी लोगों की इस तालाब में अकाल मृत्यु हुई है उनकी आत्मा की शांति और उनके मोक्ष प्राप्ति के उद्देश्य से विधायक डॉ. अभिलाष पाण्डेय की पहल पर विगत 6 दिनों से मोक्ष परायण श्रीमद्भागवत महायज्ञ के मूल 18000 श्लोकों का भागवत पाठ करवाया गया, जिसका समापन कल हवन, पूर्णाहुति, भंडारा एवं प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ।
यह आयोजन इसलिए भी अनूठा रहा कि इससे पूर्व में कभी भी राजनीतिक क्षेत्र के किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी तालाब या बावड़ी के जीर्णोद्धार के दौरान इस प्रकार के प्रयास नहीं किए गए हैं। यह उन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए एक अच्छा कदम माना जा सकता है जिन्होंने हनुमान ताल तालाब में आत्महत्या कर या फिर दुर्घटना वश अपनी जान गवाँई है।
बहुत से अज्ञात भी पाएंगे मुक्ति
जानकार लोगों का कहना है कि इस अनूठे आयोजन का एक सबसे बड़ा लाभ उन अज्ञात दिवंगत व्यक्तियों को प्राप्त होगा जिनकी मौत के बाद उनकी शिनाख्त नहीं हो पाई। यह सामूहिक प्रार्थना और हवन पूजन कार्यक्रम ऐसी अनजान मृत आत्माओं को भी मोक्ष की प्राप्ति का सहारा बन सकता है।
भोसले राजवंश के वंशज आए
पूर्णाहुुति में प्रमुख रूप से नागपुर महाराष्ट्र से आए भोंसले राजवंश के वंशज श्रीमंत मुदोजी भोंसले सम्मिलित हुए और हनुमानताल के निर्माण से लेकर आज तक जितने भी लोगों की अकाल मृत्यु हुई है उन सभी की आत्मा की शांति एवं मोक्ष प्रदान करने हेतु आहुति दी गईं। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष रत्नेश सोनकर तथा पूर्व महापौर सदानंद गोडबोले और श्रीमती स्वाति गोडबोले ने भी महायज्ञ में शामिल होकर आहुति दी।
उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक डॉ. अभिलाष पाण्डेय ने इस दौरान कहा कि हनुमानताल का उन्नयन और जीर्णोद्धार जल्द ही पूरा होगा।
18000 श्लोक का हुआ पाठ
पवित्र वैशाख मास में वृन्दावन से आए आचार्य कथावाचक राजेश शास्त्री जी एवं संतजनों के द्वारा श्रीमद्भागवत मोक्षपरायण महायज्ञ के मूल पाठ के सभी 18000 श्लोकों का पाठ किया गया। नागपुर महाराष्ट्र से श्रीमंत मुदोजी भोंसले ने श्रीमद्भागवत मोक्षपरायण महायज्ञ में सम्मिलित होकर कथा को सुना और पूर्णाहुति में हवन किया।
भोसले राजवंश के पूर्वजों को प्रणाम किया और धन्यवाद दिया कि उनके पूर्वजों द्वारा हनुमानताल का निर्माण करवाकर शहर को ऐतिहासिक धरोहर प्रदान की है, जिसका संरक्षण करना अब हम सभी का दायित्व है।
कई नेता हुए शामिल
इस दौरान कमलेश अग्रवाल, शिवम तिवारी, राहुल रजक, सपन यादव, मधुबाला राजपूत, रमेश रैकवार, राजकुमार गुप्ता, दिलीप दुबे, संजय यादव, सुशील शुक्ला, श्री राम शुक्ला, सुधा तिवारी, आयुष चौबे, नीतू दुबे, ज्योति जैन, सनी सोनकर, अनुज जैन मासाब, अंकित पाठक, टिकेंद्र यादव, रविकांत पाठक, दिव्या जैन, मुकेश रूसिया, दिलीप पटेल, योगेश शर्मा, श्वेता गोटियां, मोना साहू, कृष्णा यादव, लकी तिवारी, बीना जडिय़ा, करण चंदेल आदि पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीयजन सम्मिलित हुए।
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