जबलपुर (जयलोक)। जिले के ग्रामीण क्षेत्र से लगातार खनिज चोरी होने की शिकायत बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न रास्तों से अवैध रूप से खनिज की चोरी कर उसे बेचने का कार्य लम्बे समय से किया जा रहा है। खनिज विभाग लगातार विभिन्न मार्गों पर चेकिंग अभियान लगाकर अवैध रूप से खनिज उत्खनन के कार्य में लगे वाहनों को पकडऩे का कार्य कर रहा है लेकिन जितनी कार्यवाहियाँ की जा रही हैं उसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है।
यह बात भोपाल में बैठे विभाग प्रमुख और उनके वरिष्ठ अधिकारियों को भी समझ में आई है जिसके बाद एक नया रास्ता निकाला गया है। पहले चरण में शहर के प्रमुख प्रवेश मार्ग के रूप में पहचाने जाने वाले तिलवारा पुल पर माइनिंग विभाग की ओर से उच्च गुणवत्ता वाले सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं। वर्तमान में इन सर्विलांस कमरों की पूरी निगरानी और रिकॉर्डिंग भोपाल में की जा रही है। अभी जिले के माइनिंग विभाग को इन कैमरों का एक्सेस नहीं दिया गया है और ना ही उनके पास इन कैमरों में की जा रही रिकॉर्डिंग आ रही है यह व्यवस्था भविष्य में प्रारंभ की जा सकती है।
माइनिंग विभाग जिले के ग्रामीण क्षेत्र गोसलपुर, पनागर, सिहोरा, मझौली, बरेला, तिलवारा आदि के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार हो रहे हैं। अवैध उत्खनन को पकडऩे का कार्य कर रहा है यह बात स्पष्ट है कि खनन माफिया काफी तेज है और खनिज विभाग की कार्यवाही से कई कदम आगे चल रहा है। सीमित साधन संसाधन में काम करने वाला खनिज विभाग खनिज माफिया की करतूत पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पा रहा है। खनिज विभाग लगातार खनिज का अवैध उत्खनन करने वालों पर सूचना मिलने पर कार्यवाही करता है। अब एक नई व्यवस्था के तहत तिलवारा के नर्मदा पुल के पास जो कैमरे लगाए गए हैं उनके माध्यम से इस बात की निगरानी रखी जाएगी कि कौन सा वाहन किस प्रकार का खनिज लेकर वहां से गुजर रहा है। कौन सा वाहन कितने ट्रिप माल लेकर गुजर रहा है। इसकी जानकारी एकत्रित की जाएगी और पूरा डाटा तैयार करने के बाद जो वाहन नियम विरुद्ध तरीके से चल रहे हैं उनके खिलाफ एक मुश्त चालान और रिकवरी की कार्यवाही की जाएगी।
300 मीटर तक देख सकते हैं कैमरे
तिलवारा में लगाए गए हाई डेफिनेशन के कैमरे 300 मीटर तक की दूरी से गुजरने वाले वाहनों को देख सकते हैं उनकी साफ -साफ फोटो ले सकते हैं उनके नंबरों की फोटो ले सकते हैं और उन पर इंगित सभी प्रकार की पहचान को चिन्हित कर सकते हैं।
बिना नंबर के वाहन भी होंगे चिन्हित, आरटीओ करेगा कार्यवाही
इस पूरे अभियान में एक बात और प्रमुख रूप से उभर कर सामने आई है कि बहुत सारे हाइवा, डंपर, ट्रैक्टर ट्राली, जो कि धड़ल्ले से अवैध उत्खनन के कार्य में संलिप्त हैं वे बिना नंबर के ही दौड़ते हैं। ऐसे में इन कैमरों में आने वाला डाटा आरटीओ को भी साझा किया जाएगा और बिना नंबर वाले वाहनों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी बड़े पैमाने की कार्यवाही के साथ ही वाहन राजसात करने जैसी कार्रवाई भी की जा सकेगी।
इनका कहना है
खनिज की चोरी को रोकने के उद्देश्य से तिलवारा पुल पर हाई डेफिनेशन के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं इसकी मॉनिटरिंग वर्तमान में सीधे भोपाल से हो रही है।
सतीश मिश्रा, निरीक्षक, खनिज
