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दान में नहीं, दान देकर स्वाभिमान की भावना से पुस्तकें प्राप्त कर रहे हैं बच्चे

पुस्तक मेले की एक खूबी बना कैरियर काउंसलिंग का प्रयास

जबलपुर (जयलोक)। जिला प्रशासन की पहल पर शिक्षा विभाग की निगरानी में लगातार दूसरे वर्ष लगाए गए पुस्तक मेले में बड़ी संख्या में अभिभावक पहुँच रहे हैं। हालांकि यहां भी कुछ दुकानदारों और पुस्तक विके्रताओं के बीच में साठगाँठ का खेल नजर आ रहा है जिस पर अब प्रशासन ने अपनी नजऱें टेढ़ी कर ली हंै और जल्द ही इस प्रकार की अव्यवस्थाओं पर लगाम लग जाएगी। गोल बाजार स्थित शहीद स्मारक मैदान में 12 दिवसीय पुस्तक मेले और गणवेश मेले में अभिभावक के साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी पहुँच रहे हैं।
पुस्तक मेले की परिकल्पना जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा की गई थी जिनका मुख्य उद्देश्य कुछ लोगों द्वारा की जा रही कॉपी किताब पुस्तक और यूनिफार्म के नाम पर लूट खसोट को रोकने का है। देखा जाए तो यह उद्देश्य बहुत हद तक सफल भी नजर आ रहा है क्योंकि स्टेशनरी, यूनिफॉर्म और बहुत सारी कॉपी में रियायती दरों पर सामान मिलने लगा है। कुछ एक कुख्यात लूट के लिए बदनाम स्कूल हैं जो इस पुस्तक मेले में भी अपनी सेटिंग चला कर काली कमाई करने का कार्य कर रहे हैं। उनके खिलाफ  बहुत सारी शिकायतें सामने आई हैं। जिस पर जल्द ही जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा। दूसरी ओर इस बार कलेक्टर दीपक सक्सेना की मंशा के अनुरूप बच्चों को भविष्य के लिए अच्छा मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से बच्चों की करियर काउंसलिंग सेवा भी उपलब्ध कराई गई है।

पुस्तक बैंक में 18000 से ज्यादा पुस्तकें आयीं
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस बार उन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों का भी ध्यान रखा है जो पूर्ण रूप से नई कॉपी-किताब लेने में आर्थिक परेशानियों का सामना करते हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है कि हम रेड क्रॉस के माध्यम से पुस्तकों का एकत्रीकरण करेंगे और बिल्कुल न्यूनतम दरों पर जो कि ना के बराबर होगी उस राशि पर इन पुस्तकों को दोबारा जरूरतमंद अभिभावकों और बच्चों तक पहुंचाएंगे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जय लोक से चर्चा करते हुए कहा कि इसके पीछे बहुत ही स्पष्ट भावना है कि जो भी बच्चे इन इस्तेमाल की हुई किताबों को खरीदें उनके मन में एक प्रतिशत भी यह भावना ना आए कि यह उन्हें पुस्तकें दान में मिली हंै बल्कि उनके मन में इस बात का भाव होना चाहिए कि उन्होंने दान देकर पुस्तकें खरीदी है। बाल मन में यह स्वाभिमान बना रहना आवश्यक है। प्रशासन इसी भावना के साथ यह कार्य कर रहा है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि इस वर्ष पुस्तक बैंक का प्रावधान भी इस पुस्तक मेले में रखा गया है। जानकारी के अनुसार अभी तक 18000 से अधिक पुस्तकें इस पुस्तक बैंक में जमा हो चुकी हैं जिनमें से तकरीबन साढ़े 4 हजार के आसपास किताबों का वितरण किया गया है। यह उन अभिभावकों के लिए बड़ी राहत है जो आर्थिक विषमताओं के कारण नए कॉपी-किताब का सेट हर वर्ष नहीं खरीद पाते हैं और उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

आज और कल 12 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा मेला
अभिभावक अधिक से अधिक संख्या में पुस्तक मेले और गणवेश मिले का लाभ ले सकें और बच्चों को इनका अधिक लाभ मिल सके इस उद्देश्य से अवकाश के दिन आज शनिवार को और कल रविवार को पुस्तक मेला दिन में 12 बजे से लेकर रात तो 10 बजे तक जारी रहेगा।

मध्यमवर्गीय परिवारों कोभी मिल रही राहत
इस पुस्तक मेले और गणवेश मेले का दूसरा पक्ष यह भी है कि मध्य वर्गीय परिवार के लोगों को यहां पर बहुत से सामान में वैरायटी और प्रतिस्पर्धी दरों पर सामान उपलब्ध हो रहा है। विशेष कर यूनिफॉर्म और स्टेशनरी के समान में काफी रियायती दरें अभिभावकों को प्राप्त हो रही हैं यह उनके लिए बड़ी राहत की बात है।

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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