
नक्सलवाद खात्मे की सीआरपीएफ ने दिखाई तैयारी
नीमच/भोपाल (जयलोक)। कहीं आतंकी हमला, कहीं नक्सली वारदात, कहीं आगजनी, तो कहीं बारिश सी बरसती गोलियां..। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान मुस्तैदी से हर तरह की परिस्थिति का मुकाबला करते हैं। इतना ही नहीं, सीआरपीएफ ने ये भी बता दिया कि देश को नक्सलियों से मुक्त करने की उनकी तैयारी कितनी जोरदार है। उनके करतब देख लोग चौंक गए। आग के गोलों से निकलते और ऊंची से ऊंची चढ़ाई चढ़ते सीआरपीएफ के डॉग स्क्वैड को देखकर लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। मौका था नीमच जिले के सीआरपीएएफ परेड ग्राउंड में 17 अप्रैल को आयोजित 86वीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस परेड का।
परेड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने यहां फिर इस बात को दोहराया कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में बिना बूथ लुटे, बिना गोली चले विधानसभा चुनाव कराना सीआरपीएफ की बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और जवानों को पदक भी वितरित किए। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। उन्होंने कहा कि आज शानदार परेड हुई है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए सीआरपीएफ के जवानों और उनके परिवारों को बहुत सम्मान के साथ प्रमाण कर मैं बात की शुरुआत करना चाहता हूं। आज यहां आने से पहले सीआरपीएफ की स्थापना से अब तक 2264 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान अलग-अलग मोर्चे पर देश की सुरक्षा के लिए दिया है। मैं उन सभी को सलामी देकर यहां आया हूं। सभी 2264 शहीदों के परिवारजनों को मैं कहना चाहता हूं कि आज देश 2047 तक सर्वोच्च स्थान पर बैठने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उसमें आपके परिजनों के बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है।
शहीदों की वीर गाथा स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी
गृह मंत्री शाह ने कहा कि जब भी देश की आजादी की शताब्दी का स्वर्ण ग्रंथ लिखा जाएगा, सबसे पहले इन अमर शहीदों की वीरता की गाथा स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी। इसका मुझे पूरा विश्वास है। सीआरपीएफ ने हमेशा देश की एकता और अखंडता बनाये रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब भी देश में कहीं अशांति होती है और गृह मंत्री होने के नाते मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ का जवान वहां मौजूद है, तो मैं निश्चिंत होकर अपना बाकी काम करता हूं। क्योंकि, मुझे भरोसा है कि सीआरपीएफ है, तो उसके जवान की विजय सुनिश्चित है। दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद साल 2019 में हमने निर्णय किया कि सभी सीआरपीएफ का स्थापना दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा। उसी के तहत आज वार्षिक परेड नीमच के अंदर मनाई जा रही है। और, आज यहां पर सीआरपीएफ के कई जवानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अलग-अलग प्रकार के अलंकरणों से नवाजा गया है। मैं उन सभी को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।

Author: Jai Lok
