मप्र और राजस्थान के बीच समझौते की तैयारी पूरी
भोपाल (जयलोक)। प्रदेश की दूसरी नदी जोड़ परियोजना के लिए मप्र और राजस्थान के बीच होने वाले समझौते की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस समझौता के होने के बाद डीपीआर के बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य पांच साल तय किया गया है। इसकी जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री डां मोहन यादव ने कैबिनेट के सदस्यों को दी है। उन्होंने बताया है कि राजस्थान के साथ मिलकर पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के बाद अब उसके मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर की सहमति बन गई है। योजना की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए मंत्री-परिषद के समक्ष संक्षेपिका 15 दिवस में प्रस्तुत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की 75 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से प्रदेश के 11 जिले गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के 2094 गांवों में लगभग 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। साथ ही पेयजल एवं औद्योगिक आपूर्ति के लिए जल भी उपलब्ध होगा। योजना में मध्यप्रदेश में 21 बांध एवं बैराज बनाए जाएंगे। योजना अंतर्गत प्रदेश में कराए जाने कार्यों की लागत लगभग 36 हजार 800 करोड़ रुपए है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से प्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के लाखों किसानों का जीवन बदलेगा। उन्हें न केवल सिंचाई और पेयजल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा, अपितु संबंधित क्षेत्र में पर्यटन और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 17 परियोजनाएं एवं राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना शामिल हैं। परियोजना की कुल लागत 72 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित है।
