
भोपाल (जयलोक)
प्रदेश के विभिन्न जिलों के दो दर्जन से अधिक पुलिस अधीक्षकों का जल्द ही तबादला आदेश जारी हो सकता है। इनमें अधिकांश वह जिले शामिल है जहां अपराध अधिक हो रहा है अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगाई जा पा रही है और गुंडागर्दी कानून व्यवस्था को चुनौती दे रही है। यहां के स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी प्रदेश शासन के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के समक्ष अपने जिलों की कानून व्यवस्था की स्थिति को रखा है। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में जिन पुलिस अधीक्षकों की तबादला सूची तैयार हुई है उनमें महाकौशल के अंतर्गत आने वाले जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल नहीं है। हालांकि कुछ एक बिंदुओं पर कुछ पुलिस अधीक्षक प्रदेश सरकार के निशाने पर बने हुए हैं।
जिन जिलों के पुलिस अधीक्षक को तो बदले की सूची में शामिल किया गया है उनमें से अधिकांश मालवा और चंबल क्षेत्र के हैं।
प्रशासनिक फिर बादल की यह पहली सूची हो सकती है। इसके बाद जल्द ही स्थानीय मंत्रियों और भाजपा के प्रभावी नेताओं के फीडबैक के आधार पर भी जिले में पुलिस अधीक्षकों को बदलने या तैनात करने का काम हो सकता है।
कुछ पुलिस अधीक्षक जिले की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पारदर्शी तरीके से कार्य कर रहे हैं वह स्थानीय स्तर के दबावों को दरकिनार कर कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जिसके कारण कुछ तथागत स्वार्थी सत्ता दल के नेता इनका रास्ता काट रहे हैं और जब इनका दबाव नहीं चला तो यह लोग फिर शासन प्रशासन की वरिष्ठ अधिकारी और बड़े नेताओं के कान भरना शुरू कर देते हैं।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में 14 से अधिक पुलिस अधीक्षकों की एक सूची तैयार हुई है जिन्हें जल्द ही तबादला आदेश मिल जाएगा। हालांकि यह संभावित सूची बताई जा रही है और इसमें नाम के फेरबदल की भी आशा व्यक्त की गई है।
प्रशासनिक स्तर पर अभी तबादला सूची के संबंध में कोई भी अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। अधिकारियों के बीच में तबादला करना प्रशासन के लिए सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है लेकिन पुलिस महकमा में अच्छा जिला पाना और फील्ड पर पोस्टिंग बनाए रखने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं।


Author: Jai Lok
