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दो बच्चों को मेडिकल अस्पताल के चिकित्सकों ने दिया नया जीवन, एक बच्ची के सीने में फँसा था कीड़ा तो दूसरे के सीने में फँसी थी चिकन की हड्डी

जबलपुर (जयलोक)। नेताजी सुभाष चंद्रबोस मेडिकल अस्पताल के चिकित्सकों ने दो मासूम बच्चों का जटिल ऑपरेशन कर उन्हें नया जीवन दिया है। जिन बच्चों को नया जीवन मिला है वे कटनी और दमोह जिले के रहने वाले हैं। जिनकी अब हालत में भी सुधार हो रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि दोनों बच्चों को कुछ दिनों बाद अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। दरअसल इन दोनों बच्चों में से एक बच्चे के गले में कीड़ा फंसा था तो दूसरे के सीने में चिकन का टुकड़ा फंसा गया था। ऐसे में चिकित्सकों ने जटिल ऑपरेशन करते हुए दोनों बच्चों का सफल ऑपरेशन किया।
सोमवार-मंगलवार की रात इएनटी विभाग की प्रमुख डॉ. कविता सचदेवा और उनकी टीम ने दोनों बच्चों की सफल सर्जरी की। दोनों बच्चों को मेडिकल के शिशु वार्ड में रखा गया है।
दमोह जिले में रहने वाली 6 माह की बच्ची के सीने में सोमवार को तेज दर्द हुआ। जिससे वह लगातार रो रही थी। परिजनों ने पहले तो उसे दमोह के जिला अस्पताल में दिखाया। यहां स्थिति साफ ना हो पाने के कारण चिकित्सकों ने उसे जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। परिजनों ने चिकित्सकों को बताया कि सुबह खेलते खेलते अचानक रोने लगी। ईएनटी विभाग प्रमुख डॉ. कविता सचदेवा ने जाँच में पाया गया कि फेफड़े में हवा नहीं जा रही थी और वह गुब्बारे की तरह फूल रहा था। रात को बच्ची को ऑपरेशन थियेटर पर ले जाया गया। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को सीने में पीले रंग का एक कीड़ा फंसा हुआ मिला जिसे ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया। डॉ. सचदेवा का कहना है कि कीड़ा बच्ची के सीने में दाईं ओर फंसा था। जिससे बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। लेकिन सर्जरी के बाद अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।

गले में फँसा चिकन का टुकड़ा

इसी तरह का दूसरा मामला कटनी में सामने आया। जहां डेढ़ वर्ष के बच्चे की सांस नली में चिकन का टुकड़ा फंस गया। जिसके बाद बच्चे को मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां चकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया। जब बच्चे का एक्सरे लिया गया तो सीने में एक सेंटीमीटर का चिकन का टुकड़ा फँसा दिखा। जिसे खाते समय वह निगल गया था। ईएनटी प्रमुख डॉ. कविता सचदेवा और उनकी टीम ने सफल सर्जरी कर चिकन के टुकड़े को बाहर निकाला।
डॉ. सचदेवा का कहना है कि सही समय पर दोनों बच्चों को अस्पताल लाया गया जिससे दोनों की जान बच सकी। उन्होंने कहा कि 6 माह की बच्ची की स्थिति काफी गंभीर थी। क्योंकि सीने में कीड़ा फंसा होने के कारण सांस उखड़ रही थी। डॉक्टर ने बताया कि दोनों बच्चों की हालत को देखते हुए कल देर रात ही दोनों के ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान डॉक्टर ने सलाह दी है कि बच्चों के खाने के दौरान अभिभावक सतर्कता बरतें।

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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